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झारखंड
सरकारी शराब-बिक्री से बोकारो में होगा सालाना 26.25 करोड़ का घाटा
By Deshwani | Publish Date: 1/8/2017 8:30:01 PM
सरकारी शराब-बिक्री से बोकारो में होगा सालाना 26.25 करोड़ का घाटा

बोकारो, (हि.स.)। राज्य सरकार द्वारा शराब की अवैध बिक्री पर रोक लगाने के लिए की गयी पहल के तहत खुद ही शराब की बिक्री किये जाने का फैसला आज से धरातल पर उतर चुका है। जिले भर में मंगलवार को पहले दिन विदेशी और कम्पोजिट शराब की महज 14 दुकानें खोली गयी हैं। इनमें सात दुकानें चास अनुमंडल तथा सात दुकानें बेरमो अनुमंडल क्षेत्र में खुली हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा झारखंड राज्य विवरेज कारपोरेशन के माध्यम से शराब की बिक्री किये जाने के कारण बोकारो जिले में उत्पाद विभाग को सालाना 26 करोड़ 33 लाख, 50 हजार रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। 

जानकारी के अनुसार जिले भर में उत्पाद विभाग ने कुल 37 दुकानें खोलने का निर्णय ले रखा है, जिनमें आज सिर्फ 14 दुकानें खुल सकीं। चास अनुमंडल अन्तर्गत बिजुलिया, चास, बोकारो स्टील सिटी के राम मन्दिर मार्केट, दुंदीबाद बाजार, सेक्टर-4 सिटी सेन्टर, सेक्टर-9 तथा कुर्मीडीह एवं बेरमो अनुमंडल अन्तर्गत तेनुघाट, गोमिया, कथारा, कुरपनिया, बेरमो में अलग-अलग देशी व विदेशी तथा चन्द्रपुरा में सरकारी शराब की दुकानें खुल सकी हैं। चंदनकियारी, पेटरवार, जैनामोड़ सहित कई ऐसे इलाके हैं, जहां लोगों को इस नयी व्यवस्था के भारी परेशानी होगी। शहरी क्षेत्रों की दुकानें दोहपर बाद एक बजे से चार बजे तथा तथा पांच बजे से दस बजे रात तक खुली रहेंगी। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानें 12 बजे दिन से रात आठ बजे तक खुलेंगी।
विभागीय सूत्रों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में उत्पाद विभाग को जिले भर की दुकानों से प्रतिमाह दो करोड़ 21 लाख रुपये और सालाना 26 करोड़ 52 लाख रुपये का लाइसेंस फीस प्राप्त होता था, जबकि अब साल भर में सरकार को मात्र 18 लाख 50 हजार रुपये का राजस्व मिलेगा। इस प्रकार सरकारी खजाने को बोकारो जिले में सालाना 26 करोड़, 33 लाख, 50 हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके साथ ही जिन-जिन इलाकों में दुकानें नहीं खुली हैं, वहां शराब की अवैध बिक्री की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। कुल मिलाकर नयी व्यवस्था से जिले भर में शराब का अवैध कारोबार बढ़ना और शराब माफिया का सितारा फिर से बुलन्द होना लगभग तय माना जा रहा है।
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