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मुंडा, पाहन, जनजातीय पुरोहित का जनजातीय संस्कृति के विकास में योगदान अमिट : रघुवर दास
By Deshwani | Publish Date: 28/7/2017 9:02:39 PM
मुंडा, पाहन, जनजातीय पुरोहित का जनजातीय संस्कृति के विकास में योगदान अमिट : रघुवर दास

रांची,  (हि.स.)। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के रक्षक मानकी, मुण्डा, पाहन और हमारे जनजातीय पुरोहित समाज के लोग हैं। इनका योगदान जनजातीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में अमिट है। हमारी सरकार में इनकी प्रोत्साहन राशि को बढ़ाया है। समाज में समरसता बनाए रखने में इनकी भूमिका और बढ़ जाती है। दास शुक्रवार को ओरमांझी प्रखंड के टुंडाहुली पंचायत स्थित बाघिनबंडा सरना स्थल की घेराबंदी निर्माण कार्य के शिलान्यास के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज से ही रांची जिला के 29 सहित राज्य के सभी 575 सरना, मसना स्थल के घेराबंदी और सौंदर्यीकरण के कार्य की शुरूआत की गई है और अभियान स्तर पर इसे पूरा किया जायगा। जनजातीय समाज के सरना एवं मसना स्थल संस्कृति, परम्परा और भाषा की धरोहर है। पहली बार राज्य सरकार ने पूरे राज्य के इन धार्मिक स्थलों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए इनके विकास के लिए पहल किया है। 

दास ने कार्यक्रम में पाहनों एवं ग्राम प्रधानों को भी सम्मानित किया और कहा कि वे गांव से गरीबी दूर करने में अपना अमूल्य योगदान दें। उन्होंन कहा कि जब गांव समृद्धशाली होगा, तभी राज्य समृद्धशाली होगा। झारखण्ड की आत्मा गांव में है और विकास का आधार भी गांव ही है। जनजातीय विकास के लिए सबसे अहम है गांव की जनजातीय महिलाओं का विकास और आर्थिक भागीदारी में उनकी बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के बाद से हर गांव में 15-15 गरीब महिलाओं का समूह सखी उद्यमी मंडल बनाया जायेगा। इन महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जायेगा। इससे ये गरीबी रेखा से ऊपर आ सकेंगी। हमारा लक्ष्य गांव से गरीबी को समाप्त करना है। इसके लिए 1200 पंचायतों से 100-100 युवाओं को स्किल्ड किया जायेगा। इन पंचायतों को गरीबी रेखा से बाहर करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने बताया कि जोहार योजना की शुरुआत की जा रही है। इसमें गांव की जनजातीय समुदाय की महिलाओं को चार लाख रुपये की लागत से मुर्गी पालन करने में उनकी सहायता की जायेगा। 

दास ने कहा कि भ्रष्टाचार और बिचैलियों को दूर करने के लिए सरकार सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर रही है। गांव के युवाओं को भी कंप्यूटर का बेसिक कोर्स कराया जा रहा है, ताकि वे इनका लाभ उठा सकें। बच्चों का ड्रॉप आउट न हो, इसके लिए बड़ी संख्या में छात्रावास खोले जा रहे हैं। शिक्षित समाज ही गरीबी से लड़ सकता है। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, कल्याण मंत्री लुईस मरांडी, विधायक रामकुमार पाहन, नवीन जायसवाल, कल्याण विभाग की सचिव हिमानी पांडेय, दिनेश चंद्र मिश्र, उपायुक्त मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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