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झारखंड
..और झारखंड से कट गया मिथिलांचल
By Deshwani | Publish Date: 17/6/2017 1:29:26 PM
..और झारखंड से कट गया मिथिलांचल

 बोकारो,  (हि.स.)। लम्बी लड़ाई के बाद झारखंड की राजधानी रांची से मिथिलांचल के यात्रियों की सुविधा के लिए चालू की गयी रांची-जयनगर एक्सप्रेस का परिचालन रद्द किये जाने से लोगों में भारी आक्रोश है। दरअसल, उक्त ट्रेन का परिचालन ठप हो जाने के कारण झारखंड से मिथिलांचल बिल्कुल कट सा गया है। रेलवे बोर्ड द्वारा सुरक्षा कारणों से चन्द्रपुरा-धनबाद के बीच रेल सेवा ठप किये जाने से जहां उक्त रेलखंड पर 15 जून को 110 वर्षों से चली आ रही रेल सेवा का अंतिम परिचालन हुआ। वहीं रांची से मिथिलांचल सहित नेपाल सीमा को जोड़ने वाली रांची-जयनगर एक्सप्रेस का परिचालन पूरी तरह बंद कर दिये जाने से लाखों लोग आहत हुए हैं। इससे जहां यात्रियों के समक्ष एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, वहीं रेलवे को भी करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। कई संगठनों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को अलग-अलग पत्र लिखकर अपना विरोध प्रकट करते हुए उक्त ट्रेन की सेवा वैकल्पिक मार्ग से चालू रखने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि चन्द्रपुरा और धनबाद के बीच चलने वाली 18 ट्रेनें पूरी तरह रद्द कर दी गई, जबकि सात ट्रेनों का परिचालनं नई रूट से प्रारम्भ हो चुका है। 

लाखों लोग हैं परेशान
उल्लेखनीय है कि धनबाद-चन्द्रपुरा रेल मार्ग बंद होने के बाद हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस, हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, धनबाद-एलेप्पी एक्सप्रेस तथा हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस बोकारो से गोमो होकर तथा पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, रांची-दुमका इन्टरसिटी व रांची-धनबाद इन्टरसिटी बोकारो से भोजूडीह-आसनसोल होकर चलायी जा रही है। रेल मंत्रालय ने रांची-भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस को भी रद्द कर दिया था। राजनीतिक दबाव के कारण रेल मंत्रालय को अपना उक्त आदेश वापस लेना पड़ा और यह ट्रेन नियमित रूप से बोकारो से भोजूडीह-आसनसोल होकर चल रही है। जबकि यात्रियों की भारी मांग के बावजूद सप्ताह में तीन चलने वाली रांची-जयनगर एक्सप्रेस और एक दिन चलने वाली हैदराबाद-रक्सौल/सिकन्दराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस का परिचालन रद्द हो चुका है। 
इसके कारण, मिथिलांचल सहित उत्तर बिहार के विभिन्न क्षेत्रों तथा नेपाल की सीमा तक जाने-आने वाले लाखों लोग परेशान हैं। उनका मानना है कि रेल मंत्रालय ने मिथिलांचल के लोगों से साथ घोर अन्याय किया है, क्योंकि उनके समक्ष उक्त ट्रेनों के अलावा उत्तर बिहार जाने के लिए दूसरा कोई अन्य विकल्प नहीं है। विभिन्न संगठनों ने रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर उक्त ट्रेनों का परिचालन बदले हुए मार्ग (गोमो अथवा भोजूडीह-आसनसोल होकर) से चालू करने की मांग की है।
कोलकाता से भी टूटा सम्पर्क
बोकारो के लोग इस बात से भी अचंभित हैं कि आखिर हावड़ा से बोकारो तक प्रतिदिन चलने वाली बोकारो-हावड़ा पैसेन्जर ट्रेन को क्यों रद्द कर दिया गया? मालूम हो कि धनबाद और बोकारो का सड़क सम्पर्क विगत चार माह से टूट चुका है। दामोदर पर बने राष्ट्रीय उच्च पथ का तेलमोच्चो पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण धनबाद-बोकारो के बीच भारी वाहनों का आवागमन ठप है। भारी वाहनों का आवागमन बोकारो से चंदनकियारी होते हुए हो रहा है अौर इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में कोलकाता से सामान लाकर चास-बोकारो सहित आसपास के इलाके में व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए बोकारो-हावड़ा पैसेन्जर ही एकमात्र विकल्प था, क्योंकि आम यात्री शताब्दी एक्सप्रेस से अपनी यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं। परन्तु रेलवे ने यात्रियों से यह सुविधा भी छीन ली है। 
 
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