झारखंड
एसडीओ भोर सिंह के तबादले की चौतरफा निंदा
By Deshwani | Publish Date: 15/6/2017 5:13:32 PMरांची, (हि.स.)। मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त अभियान चला रहे राजधानी रांची के एसडीओ भोर सिंह यादव के स्थानांतरण को लेकर सरकार की चौतरफा निंदा हो रही है। एसडीओ के तबादले का न केवल विपक्षी दलों ने विरोध किया है बल्कि कई सामाजिक संगठन और आम लोग भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं।
झामुमो, कांग्रेस और राजद सहित कई संगठनों ने यादव के स्थानांतरण का विरोध किया है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि एसडीओ भोर सिंह यादव का चार माह में तबादला होना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अच्छे अफसरों को यह सरकार नहीं चाहती है। प्रदेश कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी ने कहा है कि राज्य सरकार मिलावटखोरों और कालाबाजारियों को बचा रही है। एक साजिश के तहत यादव का तबादला किया गया है क्योंकि उन्होंने कई मिलावटखोर कारोबारियों को पकड़ा था।
अखिल भारतीय जागृति संघ (अभाजस) के प्रदेश अध्यक्ष चेतनराम शर्मा ने एसडीओ के तबादले को जनता के साथ धोखा बताया है। उन्होंने कहा है कि मिलावट का अवैध धंधा करने वालो लिये खौफ का पर्याय बन चुके रांची के एसडीओ का ट्रांसफर महज चार महीने में कर दिया गया। ऐसे अफसर का तबादला होने से राज्य सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावे की पोल खुल गयी है। प्रांतीय यादव महासभा के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कहा है कि यदि सरकार एसडीओ के तबादले का आदेश वापस नहीं लेती है तो महासभा आंदोलन करेगी। झामुमो अल्पसंख्यक मोर्चा, एनएसयूआई, आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच आदि कई संगठनों ने बुधवार को एसडीओ के तबादले के विरोध में जुलूस निकाला और सरकार का पुतला फूंका।
गौरतलब है कि अपने चार माह के कार्यकाल में रांची के एसडीओ भोर सिंह यादव आम जनता के बीच काफी लोकप्रिय हो गए हैं। खाद्य पदार्थों, तेल और बीज में मिलावट सहित कई गड़बड़ियों को उजागर कर वह सुर्खियों में आ गए थे। मंगलवार को उनका तबादला जामताड़ा कर दिया गया है। इनके ट्रांसफर को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर बहस हो रही है। हालांकि यादव अपने तबादले को काम का हिस्सा मानते हैं। उनका कहना है कि उन्हें काम करने में मजा आता है और वह जहां भी रहे हैं निडर होकर काम किया हैं। वह एक-दो दिन में अपने नये पद पर योगदान देने वाले हैं। यहां से जाने से पहले उन्होंने कहा है कि रांची में मिलावटखोरी चरम पर है। यहां मिलावटखोरों–जमाखोरों का बड़ा रैकेट सक्रिय है। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।