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झारखंड
द्रौपदी मुर्मू हो सकती हैं अगली राष्ट्रपति
By Deshwani | Publish Date: 8/6/2017 5:47:22 PM
द्रौपदी मुर्मू हो सकती हैं अगली राष्ट्रपति

 रांची, (हि.स.)। झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी मजबूत होती दिख रही है । राष्ट्रपति चुनाव की तिथि की घोषणा के बाद सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच समीकरण साधने का प्रयास तेज हो गया है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की अनौपचारिक बैठक में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर रणनीति बनाने पर विचार किया गया। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की ओर से सरकार पर सहमति बनाने के दबाव के मद्देनजर इस बैठक को महत्वपूर्ण मना जा रहा है। जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव यह संकेत दे चुके हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में यदि रष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा प्रस्तावित नाम संविधान में भरोसा रखने वाला और संवैधानिक शुचिता से जुड़ा हो तो आम सहमति बन सकती है। पर यदि भाजपा कट्टर हिन्दुत्ववादी विचार वाले किसी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाती है तो विपक्षी दल अपना उम्मीदवार उतारेंगे। 

शरद का यह बयान इसलिए मायने रखता है कि विपक्ष के सम्भावित उम्मीदवारों में वह भी शामिल हैं। द्रौपदी मुर्मू की छवि कट्टर हिन्दूवादी नेता की नहीं रही है। सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुयी बैठक में राष्ट्रपति पद के लिए उनके नाम पर चर्चा हुयी है। उस बैठक में केंद्र सरकार के चार वरिष्ठ मंत्री शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू के नाम पर गंभीरता से विचार हो रहा है क्योंकि कई बातें उनके पक्ष में हैं। उनके नाम पर सहमति भी बन सकती है। वह आदिवासी समाज से आती है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर मोदी सरकार और भाजपा देश को यह संदेश दे सकती है कि वह समाज के वंचित तबकों की हिमायती है। आदिवासी बहुल राज्यों का समर्थन भी द्रौपदी मुर्मू को मिल सकता है।

ओड़िसा में बीजू जनता दल (बीजद) सत्ता में है और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) मुख्य विपक्षी पार्टी है। द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना इनकी राजनीतिक मजबूरी होगी। द्रौपदी मुर्मू ओड़िसा से आती है और झामुमो आदिवासी हितों की राजनीति कर रही है। इन परिस्थितयों को देखते हुए श्रीमती मुर्मू एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हो सकती हैं। चुनावी आंकड़े एनडीए के पक्ष में हैं और वह बहुमत के करीब है। बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी पर आरोप तय होने के बाद इनकी दावेदारी संदिग्ध हो गई है। पर सूत्रों का कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) डॉ जोशी के पक्ष में हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा अगले सप्ताह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। 

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