झारखंड
नकली तेल बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
By Deshwani | Publish Date: 2/6/2017 1:44:54 PMरांची, (हि.स.)। सदर एसडीओ भोर सिंह यादव ने शुक्रवार सुबह साढे छह बजे रातू थाना क्षेत्र के हेहल जामून टोली स्थित तेल रिपैकेजिंग प्लांट मे छापेमारी की। एसडीओ ने बताया कि सुदूर गांव मे वषों से बिना निबंधित पेपर के गोरख धंधा चल रहा था। रिफाइन के नाम जहर परोसा जा रहा था। मौके पर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्लांट में रखे समानों को भी जब्त कर फैक्ट्री को सील किया गया है। संचालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। गौरतलब है कि गुरुवार रात अपर बाजार के बूचड़ गली में एसडीओ ने छापेमारी की थी। जिसमें नकली सरसों तेल बनाने वाली फैक्टरी पकड़ी गई तेल के थोक विक्रेता राज ट्रेडर्स के संचालक पंकज गुप्ता के घर में ही फैक्ट्री चल रहा था।
यहां पर आयल में सिंथेटिक कलर और सरसों का एसेंस मिलाकार तेल तैयार किया जा रहा था। पुलिस ने पंकज को गिरफ्तार कर लिया है। यहां से पाम ऑयल की 15 किलो वाले 100 से ज्यादा टिन, 200 से ज्यादा खाली टिन, सिंथेटिक कलर, पैकिंग मशीन और बाल्टी आदि बरामद किए गए थे। पंकज की निशानदेही पर लेक रोड की फैकऔर गोदाम पर छापेमारी की गई यहां से भारी मात्रा में सरसों तेल के टिन जब्त हुए थे। पुलिस ने दुकान और गोदाम को सील कर दिया था।
पंकज के भाई राजेश गुप्ता ने बताया कि बड़ा लाल स्ट्रीट के हेमंत ट्रेडर्स से सिंथेटिक कलर और एसेंस मंगाते थे। फिर 40 से 50 रुपये की दर पर मिलने वाले पाम ऑयल में इसे डालकर बाल्टी में मिक्स किया जाता था। इसके बाद 15 किलो के टिन में इसे पैक कर दिया जाता था। यह टिन नकली सरसों तेल तैयार करने में करीब 550 रुपये की लागत आती थी। फिर इस पर फॉर्च्यून का रैपर चिपका कर करीब 1500 रुपये प्रति टिन की दर से बेच दिया जाता था। मामले में रिम्स मेडिसिन विभाग के डॉक्टर जेपी मिश्रा ने बताया कि पाम ऑयल में सिंथेटिक कलर एसेंस की मिलावट वाला सरसों तेल शरीर पर बुरा असर डालता है। पहले पेट की बीमारी शुरू होती है। फिर लीवर और किडनी डैमेज होता है। कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। आर्जीमोनोयुक्त सरसो तेल खाने से शरीर के कई अंग काम करना भी बंद कर देते हैं।