ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
अंतरराष्ट्रीय
बकरियों के बदले मिलता है पानी
By Deshwani | Publish Date: 17/5/2017 4:37:25 PM
बकरियों के बदले मिलता है पानी

 कराची, (हि.स.)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रेगिसतानी इलाके में पानी की किल्लत दूर करने के लिए एक महिला बकरियों के बदले सोलर पंप लगा रही हैं जिससे इस क्षेत्र में पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली। 

विदित हो कि इस इलाके में जितनी कमी पानी की है, उतनी ही कमी पैसों की भी है। हाल यह है कि अगर पूरे गांवों के पैसे इकट्ठे किए जाएं तो वह दस हजार का आंकड़ा भी पार नहीं करेगा। लेकिन लोगों के पास बकरियां हैं जो अब फेरियल सलाउद्दीन नामक महिला के प्रयास से उनकी पानी की समस्या दूर करने में काम आ रही हैं। 
बीबीसी के अनुसार, उर्जा सलाहकार फ़ेरियल सलाहुद्दीन का कहना है, “मैं बहुत समय के बाद कराची गई थी और मेरे चाचा ऑस्ट्रेलिया से आए थे। वे अपने दोस्तों के साथ सिंध जा रहे थे। मैंने उनके साथ सिंध के गांवों में जाना शुरू किया, तब मुझे अहसास हुआ कि यहां पानी की ज़रूरत है।”
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में 1 करोड़ 60 लाख से ज़्यादा लोगों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिल पाता है और फ़ेरियल इस तस्वीर को बदलना चाहती थीं। वह डीजल पंप की जगह सोलर पंप लगा रही हैं, क्योंकि डीजल महंगा पड़ता है। वह पैसे की जगह बकरियां इसलिए लेती हैं कि लोगों के पास पैसे नहीं है और बकरियां हैं। हर घर में दो चार बकरियां होती हैं जो संकट के समय उनके काम आती हैं।
फेरियल एक पंप लगाने की कीमत 80 बकरियां मांगती हैं, लेकिन लोग 20 से 25 बकरियां भी देने को तैयार नहीं होते हैं। गांव वालों को बकरियां देने में भी परेशानी तो होती है, लेकिन पानी भी एक बड़ी समस्या है। फ़ेरियल इन बकरियों को ईद के समय मांग बढ़ने पर बेच देती हैं।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS