वाशिंगटन, (हि.स.)। रूस के साथ खुफिया जानकारी साझा करने के मामले ने अमेरिका में तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे पर देश में बहस छिड़ गई है। अमेरिकी कांग्रेस के डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सदस्य अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सफाई मांग रहे हैं। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
बीबीसी के अनुसार, डेमोक्रेट नेता चक शूमर ने मांग की है कि व्हाइट हाउस बैठक का पूरा ब्यौरा पेश करे। उन्होंने कहा, “सभी डेमोक्रेट नेता मानते हैं कि राष्ट्रपति को उस बैठक में हुई बातचीत का ब्योरा सीनेट की खुफिया समिति को देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “ इसमें कोई किंतु,परंतु नहीं, राष्ट्रपति को बिना किसी संशोधन के बातचीत का ट्रांसक्रिप्ट दे देना चाहिए। कांग्रेस को यह जानने का अधिकार है कि कहीं उन्होंने हमारे देश की सुरक्षा और ख़ुफ़िया अभियानों की सुरक्षा को किसी तरह के ख़तरे में तो नहीं डाला है।”
विदित हो कि ट्रंप ने कथित रूप से जो सूचनाएं रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के साथ साझा कीं, वह इजरायल ने दी थी। हालांकि इजरायल का कहना है कि इजरायली खुफिया तंत्र से मिली जानकारी रूस के साथ साझा करने से अमेरिका के साथ उसके संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अमरीका में इजरायली दूत रॉन डरमर ने कहा है कि अमरीका के साथ साझा की जा रही गोपनीय सूचनाओं के मामले में उनके देश को अमरीका पर पूरा भरोसा है।
अमरीकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट में मंगलवार को यह ख़बर छपी थी कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस को गोपनीय ख़ुफ़िया जानकारी लीक की है। इसके बाद से ही अमरीका की राजनीति गरमा गई है।
हालांकि ख़ुद राष्ट्रपति ट्रंप और अमरीका के कई शीर्ष अधिकारी इस ख़बर को ग़लत बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि जो भी बातचीत हुई है उसमें ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
मुद्दे ने तूल पकड़ा तो ट्रंप ने ट्वीट करके कहा कि कथित इस्लामिक स्टेट समूह के ख़िलाफ़ लड़ाई मज़बूत करने के लिए रूस के साथ जानकारी साझा करने का उन्हें पूरा अधिकार है।