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परमाणु आयुध ढ़ोने में सक्षम है नई मिसाइल: उत्तर कोरिया
By Deshwani | Publish Date: 15/5/2017 5:42:35 PM
परमाणु आयुध ढ़ोने में सक्षम है नई मिसाइल: उत्तर कोरिया

प्योंगयांग, (हि.स.)। उत्तर कोरिया ने जिस नई मिसाइल का परीक्षण रविवार को किया वह बड़े परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल प्रशांत महासागर क्षेत्र में अमेरिका के सभी ठिकानों को निशाना बना सकता है। यह दावा प्योंगयांग ने किया है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, आसमान की ओर दागी गई यह मिसाइल 2000 किलोमीटर की ऊंचाई तक गई और 700 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद जापान के पश्चिमी सागर तट पर जाकर गिरी।

उत्तर कोरिया ने सोमवार को कहा कि यह परीक्षण नव विकसित बैलिस्टिक रॉकेट की काबिलियत' को परखने के लिए था। संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों की एक और अवहेलना करके किए गए इस मिसाइल परीक्षण की दुनिया भर में आलोचना हुई है। हालांकि उत्तर कोरिया के सभी परमाणु परीक्षण कामयाब नहीं रहे हैं, लेकिन इस साल उसने कई मिसाइल परीक्षण किए हैं जिससे दुनिया भर में चिंता का माहौल है और अमरीका के साथ उसका तनाव बढ़ा है। नतीजा है कि अमरीका और जापान ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई है।
उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी 'केसीएनए' ने सोमवार को कहा कि नए विकसित 'ह्वॉसॉन्ग-12' मिसाइल का परीक्षण योजना के अनुरूप सफल रहा। यह मध्यवर्ती/लंबी दूरी तक मार करने वाला 'रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बैलिस्टिक रॉकेट' है। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को धता बताते हुए उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण कर रहा है। लेकिन इस बात को लेकर तस्वीर साफ नहीं है कि क्या रॉकेट में लगाए जा सकने लायक हथियार बनाने की काबिलियत उसके पास है या नहीं। जानकारों का मानना है कि रविवार को उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल का परीक्षण किया है उसे सीधा ऊपर दागने के बजाय धरती के समानांतर दागने पर यह 4000 किलोमीटर तक जा सकती है।
बताया जाता है कि कोरियाई शासक किम जोंग-उन ने वैज्ञानिकों को 'लापरवाह न होने की हिदायत' दी है और जब तक अमरीका 'सही फैसला' न ले ले, उनसे 'परमाणु हथियारों पर अपना काम आगे जारी रखने' के लिए कहा गया है। इससे पहले अमरीका की तरफ़ से 'सही परिस्थितियों' में उत्तर कोरिया से वार्ता के बारे में कहा गया था। लेकिन रविवार को संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि किम जोंग-उन जब तक अमरीकी शर्तें पूरी नहीं करते उनके साथ वार्ता नहीं की जा सकती है।
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