इस्लामाबाद, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के साथ भारतीय व्यापारी सज्जन जिंदल की हालिया अनौपचारिक मुलाक़ात एक परोक्ष कूटनीति का हिस्सा थी। पाकिस्तान सरकार और सेना के आला अधिकारियों ने बीबीसी को इस आशय की जानकारी।
उल्लेखनीय है कि भारत में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले अरबपति व्यापारी सज्जन जिंदल ने अपने कुछ मित्रों और रिश्तेदारों के साथ पिछले महीने पाकिस्तान में ही नवाज़ शरीफ़ से मुलाक़ात की थी। उस समय पाकिस्तान के विदेश विभाग ने इसे अनौपचारिक और व्यक्तिगत मुलाक़ात बताते हुए ज्यादा कुछ बताने से मना कर दिया था।
इसी तरह प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम शरीफ़ ने भी ट्वीट कर कहा था कि सज्जन जिंदल उनके पिता के पुराने मित्र हैं और दो दोस्तों की मुलाक़ात को ग़लत रंग ना दिया जाए।
लेकिन कुछ महत्वपूर्ण आधिकारिक सूत्रों ने बीबीसी को बताया है कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने अपनी एक हालिया बैठक में सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा से कहा कि सज्जन जिंदल कुछ भारतीय अधिकारियों के इशारे पर उनसे मिले थे और यह बैठक भारत-पाक के बीच तनाव कम करने की कोशिशों का हिस्सा है।
दूसरी ओर सैन्य नेतृत्व ने भी सज्जन जिंदल की प्रधानमंत्री से मुलाक़ात पर अपने अधिकारियों को विश्वास में लिया है और बताया है कि यह मुलाक़ात परोक्ष कूटनीति का हिस्सा है। नवाज़ शरीफ़ और सज्जन जिंदल की मुलाक़ात पर पाकिस्तान में कुछ हलकों में चिंता जताई गई है।
हालांकि पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि 'भारतीय जासूस' कुलभूषण जाधव को दोनों देशों के बीच भविष्य में किसी 'चैनल' के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सैन्य नेतृत्व का रुख़ है कि कुलभूषण जाधव पर कोई लेन-देन नहीं होगा और आवश्यक क़ानूनी कार्रवाई के बाद मामलों को तार्किक अंजाम पर पहुंचाया जाएगा।