ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
अंतरराष्ट्रीय
अप्रैल में 309 इराकी नागरिक मारे गए: संयुक्त राष्ट्र
By Deshwani | Publish Date: 2/5/2017 5:18:01 PM
अप्रैल में 309 इराकी नागरिक मारे गए: संयुक्त राष्ट्र

 बगदाद, (आईपीएन/आईएएनएस)। इराक में हिंसा, आतंक और सशस्त्र संघर्ष में अप्रैल में 309 नागरिक मारे गए और 387 अन्य घायल हुए। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने इसकी जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमआई) ने कहा कि इन आंकड़ों में सुरक्षा सदस्यों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इराकी सेना ने अपने सैनिकों की मौतों की सूचना देने से मना कर दिया था।

एजेंसी ने कहा कि अप्रैल के इन आंकड़ों में इराक के पश्चिम प्रांत अनबर में हुई घटनाओं के हताहतों को भी शामिल नहीं किया गया है। वहां की जमीनी स्थिति ने इन आंकड़ों को जुटाना मुश्किल कर दिया है। ज्यादातर नागरिकों की मौतें नेनवा प्रांत के मोसुल शहर में घटित हुईं, जो आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की मजबूत पकड़ में था। यहां इराकी सैनिकों और इस्लामिक स्टेट के बीच हुई लड़ाई में 153 आम लोगों की मौत हुई और 123 घायल हो गए। संयुक्त राष्ट्र के इराक में राजदूत और यूएनएएमआई के प्रमुख जेन कुबिस ने कहा कि नागरिकों को संर्घष में लगातार बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है।
कुबिस ने कहा, “आइएस आतंकियों ने मोसुल के रिहाइशी इलाकों में कार बम विस्फोट किए थे और सुरक्षा बलों द्वारा खदेड़े जाने के समय आतंकियों ने नागरिकों पर हमले किए थे।“ इससे पहले यूएनएएमआई ने कहा था कि 2016 में इराक में 6,678 नागरिक मारे गए थे और 12,388 घायल हुए थे। एजेंसी ने कहा था कि इन आंकड़ों में मई, जुलाई अगस्त और दिसंबर के महीनों में अनबर प्रांत में हुई नागरिकों की मौतों को नहीं जोड़ा गया।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS