दुबई, (हि.स.)। ईरान अपनी सुरक्षा के लिए मिसाइल बनाना जारी रखेगा और ऐसा करना अंतर्राष्ट्रीय समझौता का उल्लंघन नहीं है। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को ये बातें कहीं।
रूहानी ने कहा, “ हमने मिसाइलें बनाई हैं, बना रहें हैं और बनाएंगे। हम किसी अंतर्राष्ट्रीय समझौता का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। ” रूहानी ने ये बातें संसद में दिए अपने भाषण में कहीं जिसका सरकारी टेलीविजन ने प्रसारण किया। ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की ओर से कुछ प्रतिबंध लगाए जाने के एक दिन बाद रूहानी ने इस तरह का बयान दिया है।
ईरान के राष्ट्रपति ने आ्रे कहा, “ हम अपनी जरूरत के मुताबिक किसी भी तरह का हथियार बनाएंगे और उसका संग्रह करेंगे। साथ ही अपने बचाव में उनका इस्तेमाल भी करेंगे। ”
अमेरिका ने यह कहते हुए पहले से ईरान पर प्रतिबंध लगा रखा है कि उसका मिसाइल परीक्षण संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का उल्लंघन करता है। प्रस्ताव के तहत ईरान से परमाणु अस्त्र ले जाने वाली मिसाइल बनाने की गतिविधियों में संलिप्त नहीं होने की अपेक्षा की गई है।
हालांकि ईरान ने इस बात से साफ इनकार किया है कि वह परमाणु हथियार बनाना चाहता है। उसका यह भी कहना है कि परमाणु अस्त्र ढोने वाली मिसाइल बनाने की उसकी कोई योजना नहीं है।
रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की निंदा भी की, क्योंकि उन्होंने इस महीने के शुरू में तेहरान को औपचारिक रूप से यह प्रमाण पत्र नहीं दिया कि वह साल 2015 में हुए अंतर्राष्ट्रीय समझौता का पालन कर रहा है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षक ने उसे हरी झंडी दे दी है। यह समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुआ था।
रूहानी ने कहा, “ आप एक ओर संयुक्त राष्ट्र की ओर स्वीकृत अतीत की वार्ताओं और समझौतों को कमतर आंकते हैं और दूसरों के साथ वार्ता की उम्मीद करतें हैं। ”
बिना नाम लिए उत्तर कोरिया का समर्थन करते हुए रूहानी ने कहा, ‘‘ सिर्फ व्यवहार के चलते अमेरिका किसी दूसरे देश के साथ वार्ता और समझौता की बात भूल जाए। ”
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने शनिवार को कहा था कि हम कल्पना नहीं कर सकते हैं कि अमेरिका परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया को स्वीकार करता रहेगा। एक सप्ताह के एशियाई दौरे के दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि कूटनीति अमेरिका का पसंदीदा तरीका है।