ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया आईएसआई का आतंकी संगठनों से संबंध है
By Deshwani | Publish Date: 6/10/2017 4:07:44 PM
पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया आईएसआई का आतंकी संगठनों से संबंध है

 इस्लामाबाद, (हि.स.)। पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को अपनी गुप्तचर एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के संबंध आंतंकवादी संगठनों से होने की बात को माना है। हालांकि सेना ने आगे कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि आईएसआई आतंकवादी संगठनों का समर्थन करती है।

डॉन समाचार के अनुसार इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस के जनसंपर्क के निदेशक जनरल मेजर आसिफ गफूर ने कहा, 'समर्थन करने और सम्बन्ध होने में फर्क है। एक भी ऐसी खुफिया एजेंसी का नाम बताइए जिसके लिंक्स (आतंकवादियों से) न हो। ये लिंक्स सकारात्मक भी हो सकते हैं। यूएस के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने ऐसा नहीं कहा कि आईएसआई आतंकियों का समर्थन करता है।'
 
रावलपिंडी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गफूर ने कहा, 'पाकिस्तान की पूर्वी सीमा भारत की अनुचित कार्रवाई की वजह से असुरक्षित है। इस युद्धविराम उल्लंघन की वजह से 222 पाकिस्तानी नागरिकों की जान गई है जो कि पिछले साल से भी ज्यादा है।'
 
गफूर ने यह भी कहा, 'इन सीजफायर उल्लंघनों पर पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से भारत को भी कीमत चुकानी पड़ी है और अगर भारत रुकता नहीं है तो ऐसा ही जारी रहेगा।' गफूर ने कहा, 'हम एक शांतिप्रिय देश हैं और उनके साथ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम अपनी रक्षा करेंगे और हमारी क्षमता भी है। युद्ध कोई समाधान नहीं है, इसलिए हम उनसे हर स्तर पर बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सब रुके।'
 
गौरतलब है कि मैटिस ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान में काम करने को लेकर एक बार और बात करेगा, इससे पहले कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इस्लामाबाद के आतंकियों के समर्थन को लेकर किसी विकल्प की तलाश करें। मैटिस के इस बयान के बाद से ही पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई थी। 
 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS