अंतरराष्ट्रीय
रोहिंग्याओं के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई रोके म्यांमार : यू एन महासचिव
By Deshwani | Publish Date: 29/9/2017 5:38:08 PMसंयुक्त राष्ट्र, (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटैरस ने म्यांमार के राखिन प्रांत में रोहिंग्याओं के विरुद्ध हो रही सैन्य कार्रवाई को रोकने को कहा है। यू एन ने कहा है कि म्यांमार के राखिन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रही हिंसा मध्य भाग में भी फैल सकती है जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका है क्योंकि मध्य म्यांमार में लगभग 2.5 लाख रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं।
उक्त बातें एंटोनियो गुटैरस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में म्यांमार हिंसा पर हुई पब्लिक बैठक में कही है। यह बैठक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, सेनेगल, मिस्र और कज़ाक्स्तान की ओर से बुलाई गई थी। उनके अनुसार हिंसा की वजह से स्थिति तेज़ी से वैश्विक शरणार्थी आपातकाल वाली बन गई है। यह विषय मानवाधिकार की दृष्टि से भी दुस्वप्न जैसा साबित हो रहा है।
गुटैरस का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका ने भी संयुक्त राष्ट्र के आरोप का समर्थन किया है। अमेरिका के अनुसार रोहिंग्या शरणार्थियों का यह विषय धर्म के आधार पर किया जाने वाला जातीय सफ़ाया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने बताया कि यू एन को म्यांमार छोड़ने वाले बच्चों, महिलाओं और बुज़ुर्गों की कई ऐसी आपबीती की कहानियाँ मिली हैं जो रूह को कंपाने वाली हैं। यह सारे बयान इशारा करते हैं कि म्यांमार में हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन का दौर जारी है। इसमें आम नागरिकों पर बिना रोकटोक गोली चलाना, लैंडमाइंस के इस्तेमाल के साथ साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है और इसे ख़त्म होना चाहिए। ग़ौरतलब है कि 5 लाख से अधिक रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में शरण लिया है।