न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र में भाग लेने के लिए मंगलवार को न्यूयॉर्क पहुंचे, जहां वह कश्मीर मुद्दा उठा सकते हैं। अब्बासी संयुक्त राष्ट्र महासभा को 21 सितंबर को संबोधित करेंगे जो गत माह पीएम के तौर पर शपथ लेने के बाद सर्वाेच्च अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक मंच पर उनका पहला संबोधन होगा।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से जुड़े अन्य मुद्दों पर बात करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरद्दीन ने उर्दू की एक मशहूर कहावत का जिक्र करते हुए गत सप्ताह कहा था कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को उठाने का पाकिस्तान का फैसला मियां की दौड़ मस्जिद तक की तरह है। इसका मतलब है कि कुछ लोग सीमित दायरे में ही सोचते हैं और वह उससे इतर नहीं सोच पाते।
अकबरद्दीन ने शनिवार को कहा कि दूसरी ओर भारत कल से शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान प्रगतिशील, अग्रगामी एजेंडे पर बात करेगा। अब्बासी की यात्रा पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में चल रहे तनाव के बीच हुई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में अमेरिकियों की हत्या करने वाले अराजकता के एजेंटों को पनाहगाह मुहैया कराने के लिए गत महीने पाकिस्तान पर निशाना साधा था और उसे चेतावनी दी कि आतंकवादियों को पालने पोसने के लिए उसे काफी कुछ गंवाना पड़ सकता है। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं।
व्हाइट हाउस ने बताया कि वह आज संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात करेंगे। पेंस के साथ अब्बासी की बैठक के मद्देनजर पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने अमेरिका के उप विदेश मंत्री टॉम शैनन से कल मुलाकात की। पाकिस्तान की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक बैठक के दौरान जंजुआ ने नई रणनीति पर पाकिस्तान का नजरिया रखा और इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित करना पाकिस्तान की उच्च प्राथमिकता है।
बयान में कहा गया है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए अंतर-अफगान वार्ता महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए सुगम भूमिका निभाता रहेगा। अब्बासी का जॉर्डन, तुर्की, अफगानिस्तान, श्रीलंका, ईरान, ब्रिटेन और नेपाल समेत कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का कार्यक्रम है। वह संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से भी मुलाकात करेंगे। वह विदेश संबंधों की परिषद को भी संबोधित करेंगे।