ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
अंतरराष्ट्रीय
रूस ने आईएसआईएस पर गिराया ''फादर ऑफ ऑल बॉम्ब'', इस्लामिक स्टेट के चार नेता की मौत
By Deshwani | Publish Date: 12/9/2017 12:54:13 PM
रूस ने आईएसआईएस पर गिराया ''फादर ऑफ ऑल बॉम्ब'', इस्लामिक स्टेट के चार नेता की मौत

रूस मॉस्को। रूसी सेना ने खूंखार आतंकी संगठन आइएस के शीर्ष कमांडरों पर शक्तिशाली 'फादर ऑफ ऑल बॉम्ब' से हमला किया है। यह हमला पूर्वी सीरियाई शहर देर अज-जोर में किया गया। बताया गया कि आईएस के नेताओं पर गिराया गया यह सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम है। हमले में इस्लामिक स्टेट के चार नेता मारे गए।

 

गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना द्वारा गिराया गया यह बम अमेरिका के एमओएबी यानी 'मदर ऑफ ऑल बम' से चार गुना ज्यादा शक्तिशाली है। अमेरिका ने अप्रैल 2017 में अफगानिस्तान में आइएस के ठिकानों पर 'मदर ऑफ अल बम' गिराया था। इसमें 11 टन विस्फोटक था, जबकि रूस के बम में 44 टन विस्फोटक है। स्थानीय मीडिया ने शुक्रवार (8 सितंबर) को रक्षा मंत्रालय के एक बयान के हवाले से बताया कि हवाई हमले में 40 आतंकी मारे गए। इनमें आतंकी नेता अबू मोहम्मद अल-शिमाली और गुलमुरोद खलीमोव शामिल हैं। कहा जाता है कि अल-शिमाली सीरिया में विदेशी लड़ाकों के अभियान का नेतृत्व कर रहा था और संगठन के लिए नई भर्तियां कर रहा था। इस शहर में सीरिया के सरकारी बलों और आइएस के बीच भारी संघर्ष चल रहा है। आतंकियों ने इस शहर पर वर्षों से कब्जा जमा रखा है।

 

'फादर ऑफ ऑल बम' का 2007 में पहली बार परीक्षण किया गया था। ठीक चार साल पहले यानी 2003 में अमेरिका ने 'मदर ऑफ ऑल बम' का परीक्षण किया था। इससे होने वाली तबाही लगभग परमाणु बम जैसी ही होती है। लेकिन इससे रेडिएशन का खतरा नहीं होता। इसे गिराने के बाद यह हवा में ही फट जाता है। हवा और ईधन के मिलने से यह और भी भयावह रूप ले लेता है। विस्फोट से इतनी ऊर्जा और ऊष्मा निकलती है कि यह अपने लक्ष्य को भाप में बदल देता है। यह बम फिलहाल सिर्फ रूस के पास है। अमेरिका ने अप्रैल में अफगानिस्तान में आइएस के ठिकाने पर एमओएबी गिराया था। ननगरहार प्रांत के अचिन जिले में हुई इस कार्रवाई में 92 आतंकी मारे गए थे। इससे आतंकियों के बंकरों और खुफिया ठिकानों पर हमला किया गया था।

 

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS