ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार से प्रगाढ़ संबंधों के लिए भारत ने बढ़ाया कदम
By Deshwani | Publish Date: 8/9/2017 11:43:34 AM
म्यांमार से प्रगाढ़ संबंधों के लिए भारत ने बढ़ाया कदम

नुसा डुआ। म्यांमार और भारत के बीच रिश्ते प्रगाढ़ करने की दिशा में भारत ने एक और कदम बढ़ाया है। बाली के नुसा डुआ में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में म्यांमार के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिससे भारत ने खुद को अलग रखा। म्यांमार के खिलाफ जारी इस घोषणा पत्र से खुद को अलग रखकर भारत ने म्यांमार के साथ अपनी मजबूत होती दोस्ती को बयां किया है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में म्यांमार के राखिने प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ भड़की हिंसा पर म्यांमार की निंदा की गई है। यहां फैली हिंसा के चलते राखिने प्रांत से करीब सवा लाख रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में पलायन करना पड़ा है।
 
इन दिनों भारत का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल लोक सभा स्पीकर समित्रा महाजन के नेतृत्व में इंडोनेशिया की यात्रा है। इस मौके पर इस प्रतिनिधिमंडल ने यहां हुए 'बाली घोषणा पत्र' से खुद को अलग रखा। यह प्रतिनिधिमंडल दीर्घकालिक विकास के मुद्दे पर यहां आयोजित हुई 'वर्ल्ड पार्ल्यामेंट्री फोरम' में हिस्सा लेने के लिए आया है। इस मौके पर यहां म्यांमार के खिलाफ यह प्रस्ताव पारित किया गया।
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय में म्यांमार के राखिने प्रांत में कट्टरपंथियों के चलते हिंसा जोरों पर है। म्यांमार सरकार कट्टरपंथियों के दमन की कार्रवाई कर रही है। कट्टरपंथियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई में यहां बसे रोहिंग्या मुसलमान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इस कार्रवाई के चलते उन्हें अपने देश से पलायन करने को मजबूर होना पड़ा है।
 
भारत ने जोर देते हुए कहा कि इस पार्ल्यामेंट्री फोरम का मकसद दीर्घकालिक विकास के लक्ष्यों पर चर्चा करना था। म्यांमार के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने का कोई कार्यक्रम इस फोरम का हिस्सा नहीं था। इसलिए भारत ने इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड तब लिया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यांमार से अपनी दो दिवसीय सफल यात्रा के बाद देश लौटे हैं। भारत म्यांमार से अपने मजबूत रिश्ते चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां फैली उग्र हिंसा पर कहा था कि यहां सभी पक्षों को अपने देश की एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर इस समस्या का हल ढूंढना चाहिए।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS