अंतरराष्ट्रीय
अगर अमेरिका नॉर्थ कोरिया पर किया हमला तो चीन देगा साथ
By Deshwani | Publish Date: 4/9/2017 11:40:50 AMश्यामेन। नॉर्थ कोरिया के छठे परमाणु परीक्षण के बाद पूरी दुनिया के सुर में सुर मिलाते हुए बेशक चीन ने भी उसकी साथ-साथ की हो, लेकिन हकीकत यही है कि चीन और नॉर्थ कोरिया के कुछ अलग और खास रिश्ते हैं। शायद यही वजह है कि नॉर्थ कोरिया और अमेरिका आए दिन एक-दूसरे को देख लेने की धमकी तो देते हैं, लेकिन दोनों को इस बात का अहसास भी है कि चीन की सूरत में उनके दरम्यान एक ऐसी दीवार खड़ी है, जिसे पार कर एक-दूसरे से भिड़ पाना इतना आसान भी नहीं है।
एक तरफ दोनों एक तरफ नॉर्थ कोरिया का मार्शल किम जोंग उन है, तो दूसरी तरफ महाशक्तिशाली देश का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। दोनों एक दूसरे को आमने-सामने से देखे बिना ही इस कदर नफरत करने लगे हैं कि लगता है एक दूसरे पर हमला किए बिना चैन की सांस नहीं लेंगे। डोनाल्ड ट्रंप तो खैर किम को काफी दिनों से धमकी देते आ रहे हैं। लेकिन इस नए परमाणु परीक्षण ने जैसे नॉर्थ कोरिया पर अमेरिका की त्योरियां और चढ़ा दी हैं, जबकि किम ने भी कसम खा रखी है कि वो अमेरिकी द्वीप गोआम को बर्बाद करके दम लेगा। ऐसे में छठे परमाणु परीक्षण के बाद चीन ही एक ऐसा मुल्क है, जिसकी तरफ पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं।
अमेरिका नॉर्थ कोरिया पर हमला करता है, तो उसे लेने के देने पड़ सकते हैं क्योंकि जंग की हालत में चीन को हर हाल में नॉर्थ कोरिया का साथ देना ही होगा, ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और नॉर्थ कोरिया दोनों के एक साथ चीन की संधियां हैं। 1950 से लेकर 1953 तक नॉर्थ और साउथ कोरिया के बीच चली जंग में चीन और रूस ने उत्तर कोरिया का साथ दिया था. जिसके बाद यूएन की मध्यस्थता में हुई एक युद्ध विराम संधि के साथ ही ये जंग खत्म हुई थी. इस संधि के दौरान वाशिंगटन और बीजिंग के बीच एक समझौता ये भी हुआ था कि अगर अमेरिका भविष्य में नॉर्थ कोरिया पर हमला करता है तो सीज फायर टूट जाएगा।