श्यामेन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि सभी देशों में शांति के लिए ब्रिक्स देशों का एकजुट रहना जरूरी है। इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया। बता दें कि ये ब्रिक्स का 9वां सम्मेलन है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। ब्रिक्स बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को आपसी सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के पांचों देश अभी समान स्तर पर हैं। विश्व में शांति के लिए सहयोग जरूरी है, एकजुट रहने पर ही शांति और विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने अपने देश में काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी है। हमारा लक्ष्य स्मार्ट सिटी, स्वास्थय, विकास, शिक्षा में सुधार लाना है। ब्रिक्स बैंक ने कर्ज देना शुरू कर दिया है, जिसका सही उपयोग होना चाहिए। मोदी ने कहा कि हमारा देश युवा है यही हमारी ताकत है। हमने गरीबी से लड़ने के लिए सफाई का अभियान छेड़ा है। परधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स की मजबूत पार्टनरशिप से ही विकास होगा।
चीनी राष्ट्रपती शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया में जो भी मुद्दे इस समय चल रहे हैं, वह हमारे हिस्सेदारी के बिना निपट नहीं सकते हैं। चीनी राष्ट्रपति ने ऐलान किया कि वह ब्रिक्स देशों में बिजनेस ऑपरेशन, विकास को बढ़ावा देने के लिए 4 मिलियन यूएस डॉलर की मदद करेंगे। शी जिनपिंग ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय स्थिति में हमारे बीच मतभेदों के बावजूद हम पांचों देश विकास के क्षेत्र में समान स्टेज पर हैं। हम सभी देशों के एक ही आवाज में सभी की समस्याओं को लेकर बोलना चाहिए, ताकि विश्व में शांति और विकास आगे बढ़ सके। बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया के हालात को देखते हुए, ब्रिक्स देशों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा का औपचारिक स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच खासी गर्मजोशी देखने को मिली। सम्मेलन में उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम टेस्ट के मुद्दे के छाए रहने के आसार हैं। भारत समेत ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों ने उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण का कड़ा विरोध किया है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों को ‘ज्वलंत मुद्दों’ के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए। शी ने हाल ही में भारत के साथ डोकलाम में हुए गतिरोध का सीधे उल्लेख नहीं किया, लेकिन कहा कि मुद्दों के हल का आधार ‘शांति और विकास’ होना चाहिए क्योंकि विश्व ‘संघर्ष और टकराव’ नहीं चाहता। उन्होंने कहा, ‘हम ब्रिक्स देशों को वैश्विक शांति और स्थायित्व बरकरार रखने की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) सम्मेलन में भाग लेने के लिए ऐसे समय पहुंचे हैं, जब कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे पर 73 दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हुआ है और दोनों देशों ने अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने पर सहमति जताई. मोदी ने ब्रिक्स पर कहा कि उनके पास ब्रिक्स सम्मेलन के इतर नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का मौका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत ब्रिक्स की भूमिका को बहुत महत्व देता है, जिसने प्रगति और शांति के लिए अपनी साझेदारी का दूसरा दशक शुरू किया है। विश्व में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है।’ मोदी ने कहा कि पांच सितंबर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में होने वाली ‘ब्रिक्स इमर्जिंग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्री डायलाग’ में वह ब्रिक्स के साझेदारों समेत नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ बातचीत को लेकर उत्सुक हैं। उन्होंने बताया, ‘हम ब्रिक्स बिजनेस परिषद के साथ भी रूबरू होंगे।