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मोदी का चीन दौरा अहम : चीनी मीडिया
By Deshwani | Publish Date: 1/9/2017 11:09:06 AM
मोदी का चीन दौरा अहम : चीनी मीडिया

बीजिंग। चीन में फुजन प्रांत के शियामेन में तीन से पांच सितंबर तक ब्रिक्स देशों का शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। ब्रिक्स में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका शामिल हैं। यह ब्रिक्स का नौवां शिखर सम्मेलन है। ब्रिक्स का यह शिखर सम्मेलन काफ़ी अहम है। जटिल अंतरराष्ट्रीय माहौल के बीच इस सम्मेलन में ब्रिक्स देश न केवल इस संगठन की उपलब्धियों की समीक्षा करेंगे बल्कि आने वाले वक़्त में उठाए जाने वाले नए क़दमों की भी रूपरेखा तय करेंगे।
 
इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शरीक होने वाले हैं। ब्रिक्स के बहाने मोदी का चीन दौरा काफ़ी अहम है, क्योंकि पिछले दो महीनों से डोकलाम सीमा पर दोनों देशों की सेना आमने-सामने खड़ी थी।
दोनों देशों के बीच तनाव की छाया मीडिया में काफ़ी दिख रही थी। चीनी मीडिया में तो भारत को 1962 के युद्ध से सबक लेने की नसीहत भी दी जा रही थी।
 
भारत के प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले भारत के विदेश मंत्रालाय ने डोकलाम सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की बात कहते हुए तनाव ख़त्म होने की घोषणा की थी। भारत की आपत्ति थी डोकलाम में चीन सड़क बना रहा है जो भूटान के साथ विवादित सीमा समझौतों का उल्लंघन है और भारत की सुरक्षा का लिहाज से भी ख़तरनाक है। भारत ने इन्हीं आपत्तियों का हवाला देकर डोकलाम सीमा पर सड़क निर्माण कार्य रोकने की बात कहते हुए सेना की तैनाती की थी। हालांकि अब भी यह साफ़ नहीं है कि चीन वहां सड़क निर्माण का इरादा छोड़ चुका है या उस पर कायम है।
 
दोनों देशों को बयानों में इसका ज़िक्र नहीं था। हालांकि चीन ने कहा है कि डोकलाम में वह अपने सभी संप्रभु अधिकारों का इस्तेमाल करेगा।
ऐसे में पीएम मोदी का चीन दौरा काफ़ी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के चीन दौरे पर गुरुवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ छुनइंग ने अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया है।
 
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान का ख़ास तौर पर नाम लेते हुए कहा है कि वह आतंकवादियों को मदद कर रहा है। भारत भी अपनी सुरक्षा से जुड़ी चिंता दोहराते रहा है कि पाकिस्तान में भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकी मौजूद हैं। इस मामले में वह आतंकियों की गिरफ़्तारी में चीन से मदद भी मांगता रहा है। क्या आप सोचती हैं कि इन सारे मुद्दों पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बात होगी या इन मुद्दों का असर रहेगा?
 
आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए चीन पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से सहयोग बढ़ाने की इच्छा रखता है। हमने पाकिस्तान को लेकर आतंकवाद के मामले में भारत की चिंता को देखा है लेकिन ब्रिक्स सम्मेलन में यह कोई मुद्दा नहीं है। इस बीच चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ''ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत और चीन के बीच के तनाव की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले इन दोनों देशों के बीच संबंधों में उठापटक का ख़ास महत्व है। दोनों देशों में कई मोर्चों पर समानता है। दोनों देश अपने नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार की कोशिश कर रहे हैं और दोनों देश दुनिया में अपनी अहम भूमिका अदा करने की तमन्ना रखते हैं। 
 
अख़बार ने आगे लिखा है, ''हाल के दिनों में चीन को लेकर भारत का रुख काफी बदला है। भारत अब आक्रामक और लड़ाकू प्रवृत्ति के साथ सामने आया है। अगस्त महीने में भारत ने 90 से ज़्यादा चीनी उत्पादों के खिलाफ एंटी-डंपिंग जांच शुरू की है। इससे साबित होता है कि चीन को लेकर भारत का व्यवहार दोस्त से अलग है। हाल ही में जब मोदी ने अमरीका दौरा किया तो उन्होंने चीन के खिलाफ गोलबंदी को तेज़ किया।
 
दूसरा कारण यह है कि भारत विकसित देश अमरीका और जापान को देखता है तो अपनी कमज़ोर अर्थव्यवस्था के लिए चीन को कोसता है। ऐसे में वह चीन के साथ विवाद को शुरू कर देता है ताकि घरेलू राजनीतिक दबाव को कम किया जा सके। यह उसे ज़्यादा सुविधाजनक लगता है। हालांकि ऐसे में वह अमरीका से मदद भी चाहता है। हालांकि अंततः इससे नुक़सान भारत को ही होता है।
 
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