इस्लामाबाद, (हि.स.)। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के जंदाली में शनिवार को पाकिस्तान सरकार की ज्यादतियों के खिलाफ और आजादी की मांग को लेकर एक विशाल रैली निकाली गई। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन (जेकेएनएसएफ) की अगुवाई में यह रैली निकाली गई जिसमें हजारों की संख्या में युवा शामिल हुए। ये सभी पाकिस्तानी हुकूमत का विरोध करते हुए आजादी की मांग कर रहे थे।
जेकेएनएसएफ के वरिष्ठ नेता लियाकत खान ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तानी समर्थन मिलने के कारण पूरे पीओके के लोग नाराज हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार पीओके के लोगों को अपना गुलाम समझती है और इसीलिए उनपर अत्याचार करती है।
खान ने आगे कहा, “ मैं अपने लोगों से और पीओके में रहने वाले हर इंसान से इन गुलामी की जंजीरों को तोड़ देने की अपील करता हूं।” इससे पहले लियाकत ने पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई पर पाकिस्तान को अपनी आतंकवाद की प्रयोगशाला में तब्दील करने का आरोप भी लगाया।
उधर, पख्तूनख्वा मिली आवामी पार्टी के नेता महमूद खान अचकजाई ने पाकिस्तान पर कश्मीर के अंदर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पीओके से बाहर चले जाना चाहिए और कश्मीर को आजाद कर देना चाहिए।
जेकेएनएसएफ के नेता खान ने कहा कि जब पाकिस्तान ने नीलम झेलम, मंगला बांध बनाया तब उसे यह नहीं लगा कि यह इलाका विवादित है। लेकिन जब इलाके के लोग अपना अधिकार मांगते हैं तो उनकी पहचान एक विवादित क्षेत्र के निवासियों के तौर पर की जाती है।
उन्होंने कहा, यहां कोई उद्योग-धंधा नहीं है और सरकारी नौकरियां बेहद कम और मामूली हैं। यहां रहने वाले लोगों को कोई अधिकार नहीं दिया जाता। उन्हें अपनी बात कहने की भी आजादी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पीओके में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन होते रहे हैं। मई में भी पीओके के हजीरा स्थित डिग्री कॉलेज में छात्रों ने पाकिस्तान के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। छात्रों का कहना था कि आजादी उनका हक है और वे हर हाल में इसको हासिल करके रहेंगे। सिंध प्रांत में भी पाकिस्तान के खिलाफ स्थानीय लोग आवाज उठाते रहे हैं। चीन-पाक आर्थिक गलियारे को लेकर भी लोगों में आक्रोश का माहौल है।