बीजिंग, (हि.स.)। चीन के सिचुआन में आए भूकंप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अफसोस ज़ाहिर करना वहां के लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आया। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विदित हो कि गत 8 अगस्त को आए भूकंप के बाद मोदी ने पीड़ितों के लिए चीनी सोशल मीडिया वीबो पर संवेदना प्रकट की थी जिसे लेकर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं जाहिर की गई हैं। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7 थी जिसमें कम से कम 30 लोग मारे गए थे और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीबो पर अपने पोस्ट में लिखा, "सिचुआन भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। भारत के लोग पीड़ित परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।” मोदी के इस पोस्ट पर ज्यादातर नकारात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कई लोगों ने उनसे डोकलाम के इलाके में भूटान और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर ध्यान देने के लिए कहा। भारत इस क्षेत्र पर भूटान के दावे का समर्थन करता है।
सिचुआन प्रांत के चेंग्दू क्षेत्र के एक यूजर ने वीबो पर लिखा है, "सिचुआन के लोगों का कहना है कि चीनी इलाके से पीछे हटना ही संवेदना प्रकट करने का सबसे अच्छा तरीका है।"
वो आगे लिखते हैं, "अगर वे पीछे नहीं हटते हैं तो ये महज झूठे मानवीय शब्द होंगे। कोई देश और उसके लोग इतना पाखंड कैसे कर सकते हैं।"
युन्नान प्रांत के लिजांग इलाके से एक अन्य वीबो यूजर ने लिखा है, "मोदी घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।जवानों की जिंदगी के साथ जुआ खेलने की चाहत रखना मानवीय कैसे हो सकता है।"
कुछ ऐसे ही सुर शांक्शी प्रांत के शियान इलाके के एक यूजर के भी हैं। उन्होंने लिखा है, "ये मत समझिए कि सहानुभूति के कुछ शब्दों पर हम पिघल जाएंगे। फौज भेजना और संवेदना के शब्द जाहिर करना दोनों अलग-अलग बातें हैं।"
वीबो पर प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कुछ लोगों का लहजा बेहद तल्ख था और उनकी संवेदना के शब्दों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देने वाले लोग भी मिले।