अंतरराष्ट्रीय
चीनी अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहा ‘ग्रे राइनो’ का खतरा
By Deshwani | Publish Date: 26/7/2017 6:35:58 PMन्यूयॉर्क, (हि.स.)। पश्चिमी देश जहां 'ब्लैक स्वांस' से परेशान हैं, वहीं चीन 'ग्रे राइनो' की समस्या से परेशान है। चीन का इस ओर ध्यान तब गया है जब इस समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार 'ग्रे राइनोज' ने चीन की अर्थव्यवस्था को अंदर से खोखला करना शुरू कर दिया है। ग्रे राइनोज चीन के ऐसे बिजनेस टाइकून हैं जिन्होंने राजनीति में अपनी पैठ बना कर ग्लोबल कंपनियों का एक संगठन तैयार कर लिया है। एनबैंग इंश्योरेंस ग्रुप, फोसन इंटरनेशनल, एचएनए ग्रुप और डेलियन वांडा ग्रुप ऐसी कंपनियां हैं, जिन्होंने सरकारी बैंकों से सस्ती दरों पर कर्जा लेकर आज अपने बड़े व्यापारिक साम्राज्य खड़े कर लिए हैं।
हाल यह है कि चीनी सरकार अब इस कंपनी पर शिकंजा कसने जा रही है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में चेताया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए वित्तीय स्थिरता महत्त्वपूर्ण है। वहीं दूसरी तरफ कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र माने जाने वाले एक अखबार ने भी 'ग्रे राइनोज' से उपजे खतरों पर लेख लिखा था।
चीनी नियामक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इनमें से कुछ कंपनियों के संगठन बहुत मजबूत हो गए हैं। उन्होंने इतने कर्ज ले लिए हैं कि वे अब देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। बैंक अधिकारी अब ऐसी कंपनियों की बैलेंस शीट की जांच कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर लगाया संरक्षणवादी रुख अपनाने का आरोप
मेलबर्न, 25 जुलाई (हि.स.)। कृषि उत्पादों के मामले में भारत के संरक्षणवादी रुख से मुक्त व्यापार समझौता के लिए चल रही बातचीत को किसी नतीजे पर पहुंचने में देर हो रही है। ये बातें ऑस्ट्रेलियाई विदिश मंत्री स्टीच सीबो ने कहीं।
सीबो ने पिछले दिनों एक टेलीविजन चैनल से कहा, “हम नियमित आधार पर भारत के साथ रचनात्मक तरीके से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन हम इसमें आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, क्योंकि जब कृषि उत्पादों की बात आती है तो भारत यथोचित रूप से संरक्षणवादी रुख अपना रहा है।”
उन्होंने कहा, “भारत हमारे लिये शीर्ष प्राथमिकता वाला देश है, फिर भी, इसमें दोनों पक्षों की ओर से सक्रिय सहयोग की जरूरत हैं। इस समय मुझे भारत में एफटीए को तार्ककि परिणति तक पहुंचाने की इच्छा नहीं दिख रही। ”