अंतरराष्ट्रीय
श्रीलंका ने करार में संशोधन कर चीन को दिया झटका
By Deshwani | Publish Date: 26/7/2017 2:19:55 PMकोलंबो, (हि.स.)। श्रीलंका के जरिए भारत को घेरने की चीन की कोशिश को तगड़ा झटका लगा है। इस द्वीप देश ने चीन की ओर से हंबनटोटा बंदरगाह को विकसित करने के करार में बदलाव कर दिया है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
श्रीलंकाई मंत्रिमंडल का यह फैसला भारत के लिए राहत की बात है। सरकार ने देश की जनता के विरोध के चलते यह कदम उठाया है। हाल में लोगों ने अपनी सरकार पर हंबनटोटा बंदरगाह को चीन के हाथों बेचने का आरोप लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था। स्थानीय लोगों के साथ बौद्ध भिक्षु भी चीन के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि चीन ने रणनीति के तहत भारत को घेरने के लिए श्रीलंका के दक्षिण में स्थित हंबनटोटा बंदरगाह को विकसित करने और वहां चीनी निवेश करने का करार किया था। करार के तहत चीन सैन्य गतिविधियों के लिए भी इस बंदरगाह का उपयोग कर सकता था। इतना ही नहीं श्रीलंका सरकार ने चीन की सरकारी कंपनी चाइना मर्चेंट्स पोर्ट होल्डिंग को 80 फीसदी हिस्सेदारी देने की भी बात कही थी।
इस बंदरगाह को विकसित करने में चीनी कंपनी 1.5 अरब डॉलर का निवेश करने जा रही थी। स्थानीय विरोध के बाद श्रीलंका सरकार ने बंदरगाह के संचालन को लेकर चीन की भूमिका को सीमित कर दिया है। साथ ही अब चीन इस बंदरगाह को सैन्य मकसद के लिए उपयोग नहीं कर सकेगा। श्रीलंका के इस कदम से भारत के साथ-साथ जापान और अमेरिका की भी चिंता दूर होगी।