वाशिंगटन, (हि.स.)। अमरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को जारी की गई एक सालाना रिपोर्ट में बताया कि भारत और अफगानिस्तान पर हुए चरमपंथी हमलों के खिलाफ पाकिस्तान कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
बीबीसी के अनुसार सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में लश्करे-तैयबा, जैशे मोहम्मद जैसे चरमपंथी गुट खुलेआम चंदा वसूली कर रहे हैं। ये गुट पाकिस्तान के अंदर सक्रिय रहे हैं और चरमपंथियों को प्रशिक्षण देते रहे हैं ।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी संयुक्त राष्ट्र द्वारा चरमपंथी घोषित किए गए लोगों और चरमपंथी संगठनों पर चंदा जमा किए जाने पर पाकिस्तान द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि अातंकी हाफिज सईद लगातार रैलियों को संबोधित करता रहा है लेकिन उस पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है ।
अमेरीकी सलाना रिपोर्ट में साल 2016 के पठानकोट हमले और 2008 मुंबई हमले का भी जिक्र किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में सात चरमपंथियों पर चल रहे मुकदमे में मुख्य चरमपंथी जकीउर रहमान लखवी जमानत पर रिहा घूम रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार चरमपंथियों को रोकने के लिए अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में कुछ कार्यक्रम भी चलाए गए लेकिन पाकिस्तान द्वारा अमेरिकी प्रशिक्षकों को वीजा नहीं दिया गया। नतीजतन ये कार्यक्रम पाकिस्तान की जगह किसी तीसरे देश में आयोजित करने पड़े ।
रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में विश्व भर में 55 प्रतिशत चरमपंथी हमले इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत और फिलीपींस में किए गए।
उल्लेखनीय है कि साल 2016 में अमेरिका और भारत के बीच चरमपंथ के खिलाफ मिलकर काम करने की बात हुई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अल कायदा, जैशे मोहम्मद, लश्करे तैयबा और डी कंपनी के खिलाफ दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं।