अंतरराष्ट्रीय
भारत चीन को नहीं मानता है आर्थिक महाशक्ति
By Deshwani | Publish Date: 14/7/2017 5:46:46 PMवाशिंगटन, (हि.स.)। वैश्विकरण के इस दौर में अधिकांश देशों की नजर में चीन सबसे उभरती हुई शक्ति है, लेकिन भारत की नजर में अमेरिका अब भी आर्थिक महाशक्ति है। यह खुलासा अमेरिका स्थित संगठन प्यू सर्वे की रिपोर्ट से हुआ है।
प्यू सर्वे के मुताबिक, यूरोपियन यूनियन के 10 में से 7 देशों ने यह माना है कि चीन अब दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है।लेकिन भारत की नजर में अभी भी अमेरिका ही आर्थिक तौर पर सबसे ताकतवर देश है। 41 प्रतिशत भारतीयों के मन में चीन की प्रतिकूल छवि है और सिर्फ 26 प्रतिशत भारतीयों की नजर में ही चीन की सकारात्मक छवि है।
भारत के साथ-साथ जापान और एशिया के कई अन्य हिस्से और लातिन अमेरिका के भी कई देशों की नजर में चीन आर्थिक महाशक्ति नहीं है, जबकि अधिकांश रूसी लोगों की नजर में चीन ही दुनिया का आर्थिक नेता है। दिलचस्प बात है कि लंबे समय से अमेरिका के सहयोगी रहे ऑस्ट्रेलिया में भी चीन को ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत माना जा रहा है।
प्यू सर्वे की ओर से 38 देशों में किए गए इस सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों की नजर में चीन के लिए सकारात्मक छवि है, जबकि 37 प्रतिशत लोगों ने चीन के लिए नकारात्मक रवैया अपनाया। चीन और अमेरिका के बीच एक समानता यह दिखी कि दोनों देशों के नेताओं (शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रंप) की छवि अधिकांश लोगों की नजर में नकारात्मक ही है।
सर्वे में शामिल 53 प्रतिशत लोगों ने विदेशी मामलों को लेकर चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग पर अविश्वास जताया, वहीं 74 प्रतिशत लोगों ने ट्रंप पर थोड़ा या बिल्कुल ना के बराबर भरोसा जताया है। हर 5 में से 1 शख्स के मन में जिनपिंग को लेकर कोई राय ही नहीं है, जबकि सर्वे में शामिल सिर्फ 8 प्रतिशत लोग ट्रंप को लेकर कोई राय नहीं रखते हैं।
व्लादिमिर पुतिन को लोग शी जिनपिंग से भी कम पसंद करते हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल में 42 प्रतिशत लोगों ने भरोसा जताया। रूस और नाइजीरिया के लोगों की नजर में चीन सबसे ऊपर है, जहां 70 प्रतिशत लोगों ने चीन के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया।