अंतरराष्ट्रीय
चरमपंथ के खिलाफ क़तर और अमरीका के बीच समझौता
By Deshwani | Publish Date: 13/7/2017 5:34:59 PMदोहा, (हि.स.)। अमरीका और क़तर ने चरमपंथ को फैलने से रोकने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के दोहा दौरे के दौरान किया गया।
बीबीसी के अनुसार, टिलरसन ने कहा कि यह समझौता चरमपंथी संगठनों को मिल रहे फंड को रोकने और विश्व स्तर पर चरमपंथ के ख़िलाफ लड़ाई के काम आएगा।
उल्लेखनीय है कि क़तर संकट के कारण खाड़ी देशों में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। मिस्र, सऊदी अरब, यूएई और बहरीन ने क़तर के साथ पिछले एक महीने से कूटनीतिक संबंध ख़त्म कर रखे हैं।आरोप है कि क़तर चरमपंथ को धन मुहैया करा कर खाड़ी क्षेत्र में अशांति फैलाने का काम कर रहा है, लेकिन क़तर इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज करता रहा है।
टिलरसन और क़तर के उनके समकक्ष शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल-थानी के बीच इस समझौते से पहले लगभग एक हफ़्ते तक बातचीत चली। उन्होंने अल-थानी के साथ एक संयुक्त बयान में कहा, "हमारी सरकारों के बीच यह समझौता विशेषज्ञों की एक हफ़्ते लंबी चली बातचीत के बाद किया गया और यह रियाद समिट की भावना को पुनर्जीवित करता है।"
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, " हर अरब मुल्क आने वाले वर्षों में चरमपंथ को मिल रही आर्थिक मदद को न केवल बाधित करेंगे, बल्कि दुनिया भर में चरमपंथ की कमर तोड़ने की गतिविधियों को भी तेज़ करेंगे।"
हालांकि इस समझौते के बावजूद मिस्र, सऊदी अरब, यूएई और बहरीन ने क़तर पर प्रतिबंध को जारी रखा है। उन्होंने संयुक्त बयान जारी कर अमरीकी प्रयास की सराहना की है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वे क़तर की आगामी गतिविधियों पर अपनी नज़र बनाए रखेंगे।