इस्लामाबाद, (हि.स.)। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामा गेट मामले में एक जांच समिति की रिपोर्ट में घिरते नजर आ रहे हैं। उस जांच समिति ने शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है।
छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल जेआईटी शरीफ परिवार के व्यापारिक लेनदेन की जांच की और अपनी 10 खंडों वाली रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी। उसने सिफारिश की कि शरीफ और उनके बेटे हसन नवाज और हुसैन नवाज के साथसाथ उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो एनएबी अध्यादेश, 1999 के तहत भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
शरीफ ने अपने खिलाफ उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट के कानूनी और राजनैतिक नतीजों से निपटने के लिए एक नीति बनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और वफादारों के साथ सलाहमशविरा किया। शरीफ ने अपने छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ को लाहौर से बुलाया।
शरीफ जेआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कानूनी और राजनैतिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनकी किस्मत उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर है, जो दलीलों पर सुनवाई करेगी और भावी कार्रवाई पर फैसला करेगी।
पाक के राजनीतिक गलियारे में शरीफ को हटाने की मांग तेज हो गई है इसके लिए वहां की दूसरी पार्टियों ने शरीफ पर तंज कसना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान तहरीकएइंसाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने कहा, शरीफ के सत्ता में रहने का कोई कारण नहीं है। उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता सैयद खुर्शीद शाह ने कहा कि सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज पीएमएलएन को शरीफ को बदलकर अंदरूनी बदलाव पर काम करना शुरू करना चाहिए। शरीफ के प्रतिद्वंद्वी इमरान खान ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।