अंतरराष्ट्रीय
उ. कोरियाई मुद्दे पर अमेरिका ने रूस और चीन को कोसा
By Deshwani | Publish Date: 6/7/2017 6:28:15 PMसंयुक्त राष्ट्र, (हि.स.)। उत्तर कोरिया की ओर से हाल ही में किए गए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण (आइसीबीएम) के बाद अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में प्योंगयांग के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने चीन और रूस पर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का हाथ थामने का आरोप लगाया। दरअसल उत्तर कोरिया के खिलाफ रूस और चीन सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव और कठोर आर्थिक प्रतिबंधों का विरोध कर रहा है। इसका विरोध करते हुए निक्की हेली ने मॉस्को और बीजिंग की आलोचना की। साथ ही उन्होंने कहा कि प्योंगयांग तेजी से कूटनीतिक समाधान की संभावनाओं को खत्म करता जा रहा है और इस कारण यदि जरूरी हुआ तो अमेरिका उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की संभावना पर विचार करेगा।
परिषद में दिए गए कड़े संबोधन में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि मंगलवार के आईसीबीएम परीक्षण ने दुनिया को पहले से अधिक खतरनाक जगह बना दिया है और परमाणु हथियारों से लैस प्योंगयांग से निपटने के लिए अगर बल प्रयोग की जरूरत पड़ती है तो वाशिंगटन उसके लिए भी तैयार है। उत्तर कोरियाई नेतृत्व के खिलाफ सटीक हमले की कृत्रिम स्थिति तैयार करके अमेरिका और दक्षिण कोरियाई बलों की ओर से मिसाइलें दागी जाने के बाद हेली ने स्पष्ट कर दिया है कि युद्ध के लिए उतरने से पहले अमेरिका कूटनीतिक तरीका अपनाएगा। उन्होंने कुछ ही दिन के भीतर नए मसौदा प्रतिबंध विधेयक पेश किए जाने का दावा भी किया।
उधर रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि वह उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंधों का विरोध करता है और प्योंगयांग के खिलाफ सैन्य विकल्प चुनना 'अस्वीकार्य' है। रूसी उप राजदूत व्लादिमीर सेफ्रनकोव ने परिषद के आपात सत्र में कहा, ''सभी को यह समझना चाहिए कि प्रतिबंधों से समस्या नहीं सुलझेगी। इससे हम बस एक गतिरोध की ओर बढ़ते हैं।'' उन्होंने आगे कहा, ''सैन्य हल की वकालत करने वाला कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है।''