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पाकिस्तान में उपेक्षित है मेहदी हसन की कब्र
By Deshwani | Publish Date: 22/6/2017 2:57:51 PM
पाकिस्तान में उपेक्षित है मेहदी हसन की कब्र

 कराची,  (हि.स.)। गजल के बादशाह रहे मेहदी हसन की कब्र पाकिस्तान में घोर उपेक्षा का शिकार बनी हुई है। नतीजा है कि यह नशेड़यों का अड्ड बना गई है। सरकारी वादा पूरा होने की आस छोड़ चुके उनके बेटों ने अब भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। 

विदित हो कि पाकिस्तान की संघीय और सिंध की प्रांतीय सरकार ने मेहदी हसन की मजार और उनकी याद में एक संग्रालय बनाने का वादा किया था, लेकिन विगत पांच साल में इस दिशा में कुछ नहीं हो पाया है। अब उनके बेटों की भी सब्र का बांध टूट गया है और उन्होंने भारत सरकार से वित्तीय मदद कीअपील की है। 
उल्लेखनीय है कि गजल के बादशाह रहे मेहदी हसन का जन्म राजस्थान के झुंझनू जिले के लूना गांव में साल 1927 में हुआ था, लेकिन विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था। लंबी बीमारी के बाद कराची के आगा खान अस्पताल में 13 जून, 2012 को उनका निधन हो गया था।
मजार के बारे में हसन के बेटे आरिफ मेहदी ने कहा कि अब्बा के इंतकाल के बाद सिंध सरकार और पाकिस्तान सरकार ने वादा किया था कि एक साल के भीतर मजार बनाएंगे, लेकिन अभी तक सिर्फ कब्र के पास चाहर दीवारी ही बनी है।
उन्होंने कहा कि आसपास गटर का पानी भरा है और बच्चे यहां क्रिकेट खेलते हैं। लोगों ने वहां बकरियां पाल रखी हैं और यह जगह नशेड़ियों का अड्डा बन गई है। पांच साल तक इंतजार करने और तमाम दफ्तरों की खाक छानने के बाद अब वह थक गए हैं और भारत सरकार से अपील की है कि उनकी मजार बनाने में आथर्कि मदद करे, क्योंकि हसन साहब की पैदाइश भारत की है और उनके वहां काफी मुरीद हैं।
उधर, अमेरिका में बसे उनके छोटे बेटे और गजल गायक कामरान मेहदी ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेहदी हसन के पैतृक स्थान पर कॉन्सर्ट के आयोजन में मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ संगीत जगत को उनके योगदान को सलाम होगा, बल्कि उनके चाहने वालों की मुराद भी इससे पूरी होगी। 
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