लास एंजेल्स, (हि.स.)। भारत ही नहीं, अब अमेरिका के सिलिकन वैली में भी तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। गत सोमवार को यहां 45 डिग्री तक तापमान बढ़ने से दो बुजुर्गों की मौत हो गई। इन दोनों वृद्धों में एक 72 वर्षीय पुरुष और एक 87 वर्षीया महिला हैं।
सैन होजे के जानकारों का कहना है कि पिछले एक दशक के बाद यह पहला मौक़ा है जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा रहा है। इससे पहले जुलाई, 2006 में कैलिफोर्निया में भी एेसी गर्मी पड़ी थी और करीब सौ लोग मर गए थे जिनमें ज्यादातर वृद्ध थे। तब कैलीफोर्निया में आईएसओ एलेक्स चेतावनी जारी की गई थी।
बहरहाल, वह स्थिति तो नहीं आई है, लेकिन घरों और दफ्तरों में लगातार वतानुकूलन उपकरण के इस्तेमाल से बिजली की खपत बढ़ गई है और कैलिफोर्निया ग्रिड पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बे एरिया के लोगों से कहा जा रहा है कि दोपहर बाद 2 बजे से 9 बजे के बीच लोग स्वयं दो से तीन घंटे बिजली में कटौती करें।
बिजली विभाग ने ‘पीक आवर’ में अभी तक बिजली में कटौती तो नहीं की है, लेकिन तापमान बढ़ने के साथ-साथ बिजली की खपत बढ़ने से ट्रांसफाॅर्मर खराब हो रहे हैं। लाॅस एंजेल्स में भी तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच रहा है, लेकिन, यहां मकान लकड़ी के होने से यहां के घरों की छतें तप नहीं रही हैं।
सांता क्लारा काउंटी के एक चिकित्सक डा. मिशेल जॉर्डन का कहना है कि हाइपरथर्मिया से मौत होना दुखद है, जबकि बढ़ती गर्मी से लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है। यह तभी होता है, जब शरीर के ताप नियमन बाहरी ताप को झेलने में असमर्थ रहता है। ऐसी स्थिति में ठंडे स्थान पर रहना, खूब पानी पीना और अगर ज्यादा गर्मी सताए तो ठंडे पानी से नहा लेना बेहतर होता है।