अंतरराष्ट्रीय
सइबर हमले के पीछे उ.कोरियाई : एनसीएससी
By Deshwani | Publish Date: 16/6/2017 7:13:36 PMलंदन, (हि.स.)। पिछले महीने रैनसम वेयर वायरस से ब्रिटिश एनएचएस समेत दुनिभर में कई संस्थानों के कंप्यूटरों की फाइलें को लॉक करने और फिरौती मांगने की करतूत उत्तर कोरिया की थी। ऐसा ब्रिटिश सुरक्षा अधिकारियों का मानना है।
बीबीसी के अनुसार, ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र (एनसीएससी) के अधिकारियों का मानना है कि ‘लाजरस’ नाम के हैकिंग संगठन ने यह हमला किया था। ऐसा माना जाता है कि इसी संगठन ने साल 2014 में सोनी पिक्चर्स को निशाना बनाया था। सोनी के कंप्यूटरों को उस समय हैक किया गया जब कंपनी अपनी फिल्म को रिलीज करने की योजना बना रही थी। उक्त फिल्म में उत्तर कोरियाई नेता सेठ रोगेन के बारे में कटाक्ष किया गया था। इस हैक के बाद फिल्म की रिलीज सीमित हो गई थी।
इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि बैंकों से पैसे की चोरी में भी इसी संगठन का हाथ था। विदित हो कि एनसीएससी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले महीने हुए हैकिंग की जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि वाना क्राई नाम से मशहूर रैनसमवेयर वायरस से दुनिया भर में कई संस्थानों के कंप्यूटर हैक किए गए थे, लेकिन ब्रिटेन में खासतौर पर एनएचएस सबसे अधिक प्रभावित हुआ था। हालांकि यह हैकिंग संगठन उत्तर कोरिया में स्थित है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसे वहां के नेतृत्व से निर्देश मिलता है या नहीं।