लाहौर, (हि.स.)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामा पेपर लीक मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित संयुक्त टीम (जेआइटी) के समक्ष गुरुवार को उपस्थित हुए। वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए, इस तरह के पैनल के सामने पेश हुए हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।
समाचार पत्र डॉन के अनुसार, शरीफ ने जेआईटी के समक्ष पेश होने के बाद कहा, “हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की सभी साजिशें नाकाम हो जाएंगी, मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकारों के दौरान भी उनके परिवार से जवाब मांगे गए थे।
विदित हो कि न्यायिक अकादमी को अस्थाई तौर पर जेआईटी सचिवालय में तब्दील कर दिया गया है और यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पहुंचे शरीफ तनाव मुक्त नजर आए। जेआईटी के प्रमुख वाजिद जिया ने नोटिस भेजकर नवाज को संबंधित दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने को कहा था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 2500 से अधिक सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। शरीफ के साथ उनके बड़े बेटे हुसैन नवाज, पंजाब के मुख्यमंत्री एंव उनके भाई शहबाज शरीफ और दामाद मोहम्मद सफदर मौजूद थे। पूछताछ के लिए इमारत में प्रवेश से पहले शरीफ ने वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया और उनके नारों का जवाब भी दिया। पीएमएल-एन के समर्थक बड़ी संख्या में जेआईटी सचिवालय के आसपास इकट्ठा हुए। उन्होंने पार्टी के झंड़े फहराए और शरीफ के पक्ष में नारे भी लगाए। लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने किसी को अंदर जाने नहीं दिया। विदित हो कि जेआइटी इस मामले में उनके बड़े बेटे हुसैन नवाज से पूछताछ कर चुकी है।
इससे पहले शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने न्यायिक अकादमी रवाना होने के पहले अपने पिता और उनके प्रमुख सहयोगियों की एक तस्वीर पोस्ट करके ट्वीट किया, “आज के दिन ने इतिहास रच दिया है और बहु प्रतीक्षित और स्वागत योग्य उदाहरण स्थापित किया है।” पेशी से पहले प्रधानमंत्री ने सुबह अपने परिजनों और करीबी सहयोगियों से विचार विमर्श किया। शरीफ ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस्लामाबाद की न्यायिक अकादमी तक उनके साथ जाने अथवा वहां उनको लेने आने के लिए मना किया था।