वाशिंगटन, (हि.स.)। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आमंत्रण पर दो दिवसीय दौरे पर 25 जून को आमेरिका आ रहे हैं। लेकिन 26 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली उनकी पहली मुलाक़ात सुखद और चुनौतीपूर्ण दोनों हो सकती है, क्योंकि ढेर सारे मुद्दे दोनों देशों के पास हैं जिन पर दोनों देशों के नेता अपना-अपना पक्ष रखेंगे।
विदित हो कि यह मुलाक़ात ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका पूर्वी एशिया में उत्तरी कोरिया के मिसाइल संकट, दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और पश्चिम एशिया में खाड़ी संकट और दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान में तालीबान के सतत आतंकी हमलों से उलझा हुआ है और उसे भारत से सहयोग की अपेक्षा है।
इस संबंध में व्हाइट हाउस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाली पहली बैठक भारत और अमेरिका के बीच की साझेदारी को एक महत्वाकांक्षी ढंग से विस्तार देने के लिए एक दृष्टिकोण पेश करेगी। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के नेता आतंकवाद से जुड़े मुद्दों और एच1बी वीजा नियमों में संभावित बदलावों से जुड़ी भारत की चिंताओं जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने यहां नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ आप उम्मीद कर सकते हैं कि वे दोनों एक ऐसा दृष्टिकोण पेश करेंगे, जो भारत और अमेरिका की साझेदारी को एक महत्वाकांक्षी और योग्य तरीके से विस्तार देंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेता भारत और अमेरिका की साझेदारी के विस्तार पर एक साझा दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं जिनमें आतंकवाद से लड़ाई,आर्थिक विकास को दिए जाने वाले बल, सुधारों और सुरक्षा सहयोग को दिए जाने वाले विस्तार शामिल हो सकते हैं। ये मुद्दे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की संयुक्त प्राथमिकताएं भी हैं।
स्पाइसर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका और भारत की ऐसी साझेदारी के लिए एक साझा नजरिया तैयार करने पर काम करेंगे, जो 1.6 अरब नागरिकों के लिए अच्छा हो। पीएम मोदी ने जब जनवरी में ट्रंप को राष्टपति बनने पर बधाई देने के लिए फोन किया था, तब ट्रंप ने पीएम मोदी को वाशिंगटन आने का निमंत्रण दिया था।
ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी का यह पहला अमेरिका दौरा होगा। हालांकि दोनों नेताओं के बीच कम से कम तीन बार फोन पर बात हो चुकी है।
उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की 25 जून से शुरू होने वाली अमेरिका यात्रा की घोषणा करते हुए सोमवार को कहा कि मोदी-ट्रंप के बीच बातचीत गहरे द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा प्रदान करेगी। मंत्रालय ने कहा कि उनकी चर्चा पारस्परिक हित के मुद्दों पर गहरे द्विपक्षीय संबंधों और भारत और अमेरिका के बीच बहुआयामी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए नई दिशा प्रदान करेगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के दौरान पीएम मोदी की बराक ओबामा से रिकार्ड आठ बार मुलाकात हुई थी। पीएम मोदी ने वाशिंगटन का तीन बार दौरा किया था, जबकि साल 2015 में ओबामा की ऐतिहासिक भारत यात्रा हुई थी, जिसमें वह गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे
वैसे अगले महीने 6 और 7 जुलाई को हैम्बर्ग में जी- 20 देशों की बैठक होने वाली है। इस बैठक में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी मुलाक़ात भी हो सकती है। इस बैठक में भी पेरिस समझौते को लेकर यूरोपीय समुदाय के बड़े देश अमेरिका के लिए एक चेतावनी स्वरूप कोई कदम उठा सकते हैं। ऐसे में जलवायु परिवर्तन का भी मुद्दा अहम है जिस पर भारत का रुख और अमेरिकी रुख से भिन्न है और ट्रंप इसको लेकर भारत की आलोचना भी कर चुके हैं।