लाॅस एंजेल्स, (हि.स.)। अमेरिका की सिलिकन वैली में मिडल स्कूल के बच्चों को यौन शिक्षा दिए जाने का विरोध तूल पकड़ता जा रहा है। इस विरोध अभियान में अभिभावकों के साथ - साथ कुछ शिक्षक भी शामिल हो गए हैं।
विदित हो कि यौन शिक्षा को जब से मिडल स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है तब से अभिभावकों के बीच, ख़ास कर भारतीय परिवारों में यह चर्चा का विषय बन गया है।एक भारतीय अभिभावक मुनी मधिपातला ने तो बोर्ड की बैठक में साफ साफ कहा है कि यौन शिक्षा के लिए कक्षा सात के बच्चों की आयु, शारीरिक और मानसिक स्थिति उपयुक्त नहीं होते है। उन्हें एक साथ यौन शिक्षा के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान दिया जाना अव्यवहारिक है। अभिभावक यह भी जानना चाहते हैं कि शिक्षा बोर्ड के पास कोई आंकड़ा है तो वह जारी करे। साथ ही यौन शिक्षा के विरोध में अभिभावक हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं जिसमें भारतीय अभिभावक बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।
हाल यह है कि इस मुद्दे को ले कर एक पक्ष इसे यौन स्वास्थ्य के लिए जरुरी बता रहा है, वहीं दूसरा पक्ष मीडिल स्कूल के बच्चों की आयु के मद्देनजर इसे गैर जरुरी बता कर विरोध कर रहा है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा बोर्ड के प्रतिनिधियों, अभिभावकों और अध्यापकों सहित विषय के जानकारों की पिछले एक साल से बैठकें हो रही हैं। कहा जा रहा है कि स्कूलों में यौन संबंधों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
उल्लेखनीय है कि यौन शिक्षा में ग्राफ सहित संभोग क्रियाओं का भी उल्लेख किया जा रहा है। एक शिक्षक ने तो बोर्ड बैठक में साफ साफ़ यह कह भी दिया की बच्चों को संभोग के बारे में बताया और पढ़ाया जा रहा है। इस चर्चा के बाद अभिभावकों को यौन शिक्षा के पाठ्यक्रम के उन अंशों को पढ़ने के लिए भी प्रेषित किया गया।
गौरतलब है कि यौन शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने के लिए सरकारी स्तर पर जोर दिया जा रहा है। इस सिलसिले में कैलिफोर्निया में ‘हेल्दी यूथ एक्ट’ दो साल पहले बना था, जिसके तहत स्कूल डिस्ट्रिक्ट को आदेश जारी कर कहा गया था कि वे कक्षा सात से बारह तक के सभी विद्यार्थियों को यौन स्वास्थ्य शिक्षा तथा एच.आई.वी. से बचाव के बारे में जानकारी दें। यह कानून गत वर्ष से लागू भी हो गया है।
इस संदर्भ में अमेरिकी ‘सिविल लिबर्टीज यूनियन’ ने स्कूलों को एक आदेश जारी कर एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आग्रह किया है। लेकिन इस संबंध में गठित पांच सदस्यीय समिति बंटी हुई है।