अस्ताना, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भारत को पूर्ण सदस्यता दिए जाने पर सभी सदस्यों का अभार जताया और आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा बताया, लेकिन पाकिस्तान का एक बार भी जिक्र नहीं किया। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।
उल्लेखनीय है कि इस बार शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को संगठन की पूर्ण सदस्यता दी गई है। इस सम्मेलन में मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक मंच पर दिखे। हालांकि सदस्यता मिलने पर नवाज ने अपने भाषण में भारत का दो बार नाम लिया और बधाई दी।
विदित हो कि एससीओ का गठन साल 2001 में हुआ था और इसके छह सदस्य थे। भारत और पाकिस्तान को सदस्यता मिलने के बाद इसके सदस्यों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। साल 2015 में एससीओ के उफा सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को सदस्य बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था।
मोदी ने कहा, "एससीओ हमारे राजनैतिक और आर्थिक सहयोग की मुख्य आधारशिला है। एससीओ देशों में हमारी सहभागिता के कई आयाम हैं। उर्जा, शिक्षा, कृषि, सुरक्षा, खनिज, क्षमता निर्माण, विकासात्मक भागीदारी, व्यापार इसके अहम कारक हैं। भारत को एससीओ की सदस्यता निश्चय ही हमारे सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। एससीओ देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत की प्राथमिकता है। हम इसका समर्थन भी करते हैं। हम चाहते हैं कि कनेक्टिविटी हमारी भावी पीढ़ी और समाजों के बीच सहयोग का मार्ग प्रशस्त करे।" उन्होंने कहा, "आतंकवाद मानव अधिकारों और मानवीय मूल्यों के सबसे उल्लघंनों में से एक है। आतंकवाद और अतिवाद के खिलाफ संघर्ष एससीओ के सहयोग का अहम भाग है। मुद्दा चाहे रेडिकलाइजेशन का हो, आतंकवादियों की भर्ती का हो, उनके प्रशिक्षण का हो या उनके वित्त पोषण का, जब तक हम सभी देश मिलकर इस दिशा में कोशिशें नहीं करेंगे तब तक समस्या का हल नहीं निकलेगा। इस बारे में एससीओ की कोशिशें सराहनीय हैं। यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को एक नई दिशा और मजबूती देगा।"
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भाषण दिया। उन्होंने कहा- "पाकिस्तान और भारत के लिए आज अच्छा दिन है। मैं शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों की शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने हमें सदस्य बनाया। पाकिस्तान एससीओ को अच्छी तरह जानता है। हमने कई सम्मेलनों में हिस्सा लिया है। हमें टकराव और दुश्मनी के बिना आने वाली पीढ़ियों के लिए माहौल बनाना चाहिए। मैं भारत को भी बधाई देना चाहूंगा कि वह भी एससीओ का सदस्य बना है।"
उल्लेखनीय है कि एससीओ एक राजनीतिक और सुरक्षा संगठन है। इसका मुख्यालय बीजिंग में है। यह 2001 में बनाया गया था। चीन, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान के साथ अब भारत व पाकिस्तान भी इसके सदस्य बन गए हैं। यह संगठन खासतौर पर सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग के लिए बनाया गया है। इसमें खुफिया जानकारियों को साझा करना और मध्य एशिया में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना शामिल है। फिलहाल अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया एससीओ में सुपरवाइजर देश हैं।