बर्लिन, (हि.स.)। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत और ब्रिटेन के ब्रेक्ज़िट के फ़ैसले के बाद यूरोप अब अमरीका और ब्रिटेन पर 'पूरी तरह भरोसा' नहीं कर सकता है। ये बातें जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने कहीं।
बीबीसी के अनुसार, उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के अलावा रूस से भी दोस्ताना रिश्ते चाहती हैं, लेकिन यूरोप को अब अपनी क़िस्मत के लिए ख़ुद ही लड़ना होगा। मर्केल का यह बयान जी-7 की शिखर बैठक में जलवायु संकट के हल के लिए हुई 2015 की पेरिस संधि पर मतभेद सामने आने के बाद आया है।
जी-7 सम्मेलन में अमरीका के समर्थन नहीं करने की वजह से इस संधि का पालन करने के बारे में एक साझा घोषणापत्र जारी नहीं हो पाया था।
म्यूनिख में एक रैली को संबोधित करते हुए मर्केल ने कहा, “ वह समय अब बीत चुका है जब हम दूसरों पर पूरी तरह निर्भर हो सकते थे। मैंने इस बात को पिछले कुछ दिनों में महसूस किया है।”
बीबीसी संवाददाता के मुताबिक, मर्केल के शब्द काफ़ी जोशीले और भावुक थे और वह काफ़ी खुलकर सीधी बात बोल रही थीं। मर्केल ने कहा कि जर्मनी और फ्रांस के नए राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच के रिश्ते प्राथमिकता होना चाहिए। इससे पहले एंजेला मर्केल ने सिसली में पेरिस संधि पर जी-7 में हुई बातचीत को 6 के मुक़ाबले एक बताते हुए 'बहुत असंतोषजनक तो नहीं, लेकिन बेहद मुश्किल' बताया था।