लास एंजेल्स, (हि.स.)। अमेरिका में अध्यात्म और योग की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ रही है। इससे हिदू धर्म के प्रति आस्था को बल मिला है। आज अमेरिका में जहां भी योग की कक्षाएं लगती हैं, वहां दूर दूर से विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के लोग योग और ध्यान सीखने आते हैं। पिछले कुछ अरसे से योग और ध्यान की लोकप्रियता के कारण आज हर सात अमेरिकियों में एक व्यक्ति योग के प्रति पूरी तरह समर्पित है।
वृंदावन के जगतगुरु श्रीकृपालु महाराज के वरिष्ठ अनुयायी स्वामी मुकंदानन्द इन दिनों अमेरिका प्रवास कर रहे हैं। वह यहां पैसाडेना हिदू मन्दिर में योग और अध्यात्म की शिक्षा देने आए हुए हैं। इनकी योग कक्षाओं में कृपालु पद्धति और कृपालु प्रक्रिया के अनुसार तीन-तीन चरणों में मस्तिष्क, शरीर और आत्मा को लेकर योग तथा ध्यान पर जोर दिया जाता है, जिसे एक अद्भुत यौगिक क्रिया के रूप में 'जेके योग' का नाम दिया गया है। इसके पश्चात एक दिन की 'जीवन रूपांतरण' कार्यशाला लगाई जाती है जिसमें बड़ी तादाद में हिन्दुओं के साथ-साथ अमेरिकी और चीनी मूल के लोगों को देखा जा सकता है।
स्वामी जी ने बताया कि यह योग की ही महिमा है कि अमेरिकी जन समुदाय का भारत और हिन्दुओं के प्रति झुकाव बढ़ रहा है। अमेरिकियों के मन में एक ईश्वर की जगह हिन्दुओं के लाखों देवी देवताओं की अराधना की बात सुनकर भ्रान्ति होती है, लेकिन एक बार हिंदू धर्म का दर्शन समझ में आ जाए, तो फिर उनके मन में कोई संशय नहीं रहता है। हिन्दू धर्म और इसके दर्शन को गहराई तक समझने में उन्हें इंटरनेट और यू ट्यूब से बड़ी मदद मिली है।
स्वामी मुकंदानन्द पिछले एक दशक में अमेरिका के शीर्ष काॅरपोरेट गुगुल, ओरेकल तथा विश्वविद्यालयों – प्रिंसटन, स्टेनफोर्ड, केलोग, एमआईटी और येल काॅलेजों में योग साइंस और अध्यात्म पर प्रवचन दे चुके हैं। उनकी योग कक्षाओं में बड़ी तादाद में छात्र हिस्सा लेते हैं।