हजारीबाग
हाथी उड़ाने की जगह उद्योग लगाने की जरूरत: मरांडी
By Deshwani | Publish Date: 3/3/2017 4:53:40 PMहजारीबाग, (हि.स.)। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य सरकार हाथी उड़ाने में व्यस्त हैं, जबकि जनता भूखी मर रही हैं। बिना मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था किए कंपनियां कोयला निकालने में व्यस्त हैं । रैयत परेशान है । ब्लास्टिंग से घरों की दीवारें हिल रही हैं । आवाज उठाने पर रैयतों के खिलाफ केस मुकदमा किया जा रहा है । सरकार द्वारा पोषित अपराधी और उग्रवादी संगठन रैयतों को धमका रहे हैं। उपरोक्त बातें श्री मरांडी ने शुक्रवार को परिसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही । वह सीसीएल की मगध और आम्रपाली परियोजना में चल रहे आंदोलन में भाग लेने जाने के क्रम में हजारीबाग में कुछ देर के लिए रूके थे। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई गरीबों किसानों को न्याय दिलाने की है । पुनर्वास के बिना लोगों को जमीन से बेदखल नहीं करने देंगे । टंडवा से लेकर बड़कागांव, सीसीएल के क्षेत्रों सहित कई अन्य स्थानों पर भी यही स्थिति है। सब जगह विरोध हो रहा है। कई स्थानों से हटे रैयतों का तो अता-पता नहीं है। मरांडी ने कहा कि झारखंड के लिए खनिज और कोयला अभिशाप बन गया है । लोग जमीन से बेदखल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन केवल टंडवा या बड़कागांव तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे राज्य में आंदोलन होगा। रैयतों के हक के लिए यह लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मोमेंटम झारखंड ग्लोबल इंवेस्टर समिट का जलसा मना कर सरकार झारखंडवासियों के साथ मजाक कर रही है। हाथी उड़ाने के स्थान पर क्षेत्र को ध्यान में रखकर यदि उद्योग लगाया जाता तो लोगों का पलायन नहीं होता । उन्होंने गिरिडीह, कोडरमा एवं हजारीबाग के क्षेत्रों में माइका और कीमती पत्थर आधारित उद्योग लगाने को बेहतर बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिण छोटानागपुर में जैविक कृषि एवं वन उपज आधारित उद्योग लगाए जाने से रोजगार के लिए लोगों के पलायन पर रोक लगेगी।