झारखंड
घटता जा रहा है एनटीपीसी का कोयले का स्टॉक
By Deshwani | Publish Date: 23/5/2017 5:31:49 PMगोड्डा, (हि.स.)। ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड की राजमहल इकाई से लगातार कम उत्पादन होने का असर अब एनटीपीसी पर पड़ने लगा है। इससे घबराये एनटीपीसी ने मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि कम कोयला उत्पादन से कोयला का स्टॉक समाप्त होने का खतरा बढ़ रहा है। प्रेसवार्ता में एनटीपीसी फरक्का के जीएम डीडी मंडल ने कहा कि एनटीपीसी फरक्का को 21,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन के लिए प्रतिदिन 30 से 40,000 टन कोयले की जरूरत है जबकि जमहल परियोजना से एक रैक यानी 3000 टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। इससे एनटीपीसी का कोयले का स्टॉक दिन-ब-दिन घटता जा रहा है तथा अगले 5 से 6 दिनों में कोयले का स्टॉक समाप्त हो सकता है। इसका सीधा असर विद्युत उत्पादन पर पड़ेगा तथा फरक्का की कई इकाइयां बंद हो सकती हैं।
एनटीपीसी अधिकारियों की माने तो मानसून आरंभ होने के पहले यदि कोयले का पर्याप्त स्टॉक नहीं मिला तो पांच राज्यों बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में भारी विद्युत संकट उत्पन्न हो सकता है। इसलिए उन्होंने अविलंब कोयला उत्पादन से जुड़ी समस्या के निदान की मांग की है। गौरतलब है कि वर्तमान में एनटीपीसी फरक्का के पास दो लाख टन कोयले का स्टॉक है जो दो-तीन दिन के लिए ही पर्याप्त है। मानसून को देखते हुए सात लाख टन अतिरिक्त कोयला स्टॉक की आवश्यकता इस इकाई को है। जीएम मंडल की माने तो उत्पादन कम होने का असर झारखंड के संथाल परगना पर सर्वाधिक पड़ सकता है। वर्तमान में डीजीएमएस की ओर से भादो टोला के पास 20 जून तक ही खान में विस्फोट की इजाजत दी गई है।
डीजीएमएस ने कहा है कि इसके पूर्व भादो टोला गांव को विस्थापित कर लिया जाए ताकि विस्फोटों का असर गांव पर न पड़े। यदि हालात यही रहे तो भादो टोला खनन क्षेत्र से भी कोयले का उत्पादन 20 जून के बाद बंद हो सकता है तथा एनटीपीसी को वर्तमान में जारी एक रैक कोयले की आपूर्ति भी बंद हो सकती है। राजमहल हादसे के बाद डीजीएमएस की कठोर खनन नीति के अनुपालन में प्रतिदिन 50 से 70 हजार टन होने कोयला उत्पादन इन दिनों घटकर 20 से 25000 टन हो गया है, जिससे एनटीपीसी फरक्का एवं कहलगांव को निर्धारित मात्रा से कम कोयले की सप्लाई की जा रही है। इधर पूरे मामले में राजमहल परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी संजय कुमार सिंह ने कहा है कि परियोजना भादो टोला को तमाम सुविधाएं और मुआवजा दे रही है। बावजूद जमीन उपलब्ध नहीं कराने से समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। 20 जून तक की खान में विस्फोट की अनुमति डीजीएमएस से उन्हें प्राप्त है। यदि यह अनुमति उन्हें आगे नहीं मिली तो वर्तमान में हो रहे कोयला उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।