फिल्म समीक्षा
डायरेक्टरः आर.एस. प्रसन्ना
कलाकारः आयुष्मान खुराना, भूमि पेडणेकर, सीमा पाहवा और बृजेंद्र काला
रेटिंगः 3 स्टार
नई दिल्ली। बॉलीवुड में इस समय देसी कहानियों का दौर चल रहा है। हर हफ्ते एक न एक ऐसी फिल्म आ रही है जो देसीपन के रंग में रंगी हैं और हमें असली भारत के करीब लेकर आती है। यह सफर अक्षय कुमार की ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’से होते हुए 'बरेली की बर्फी', ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज' से होता हुआ इस हफ्ते रिलीज हुई ‘शुभ मंगल सावधान’ तक आ गया है। महिलाओं के खुले में शौच से लेकर उत्तर प्रदेश के शूटर की कहानियों से होते हुए हम मर्दों वाली समस्या तक आ पहुंचे हैं। एक बार फिर बॉलीवुड ने बहुत ही सिंपल चीजों के जरिये अच्छी कहानी पेश की है। एक ऐसी समस्या जिसके बारे में पुरुष बात करने के बारे में सोच भी नहीं सकते, उस पर फिल्म बना देना अच्छी शुरुआत है। हंसी-ठहाकों के साथ फिल्म संदेश देने में किसी हद तक कामयाब साबित होती है।
यह कहानी मुदित (आयुष्मान) और सुगंधा (भूमि पेडनेकर) की है। दोनों दिल्ली के रहने वाले हैं। दोनों के बीच रिश्ता कायम होता है। इसी सब के बीच मुदित को मेल परफॉर्मेंस एनजाइटी की समस्या सामने आती है। यह तब पता चलता है जब कई मौकों पर मुदित और सुगंधा करीब आने की कोशिश करते हैं। मुदित सुगंधा को निराश करता है। इस तरह जब मुदित की समस्या सामने आती है तो सुगंधा के घरवाले शादी से मना करते हैं, लेकिन मुदित को शादी करनी है तो सिर्फ सुगंधा से यहां सुगंधा हर मौके पर मुदित का साथ देती है, और उसकी ताकत बनती है। खास बात यह कि 'शुभ मंगल सावधान' 2013 की तमिल फिल्म ‘कल्याण समायल साधम’ की रीमेक है। आर. एस. प्रसन्ना ने ही इसके तमिल संस्करण को भी डायरेक्ट किया था। कहानी में एक यह बात खटकती है कि फिल्म एक पॉइंट पर आकर अपने विषय से भटक जाती है। फिल्म का फर्स्ट हाफ कॉमेडी भरा है तो दूसरा थोड़ा गंभीर हो जाता है।
मुदित के रोल में आयुष्मान खुराना ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि वे इस तरह के रोल के लिए परफेक्ट चॉइस हैं। देसी किरदारों में इस कदर रच-बस जाते हैं, जो हर किसी कलाकार के बस की बात नहीं है। फिर भूमि पेडणेकर तो अपनी पहली फिल्म से ही देसी किरदार करती आ रही हैं। चाहे वह ओवरवेट लड़की का ‘दम लगा के हईशा’ का रोल हो या फिर ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ की अपने हकों के लिए जागरूक बहू सुगंधा के किरदार में भी उन्होंने जान फूंक दी है, और जब भी मुदित और सुगंधा स्क्रीन पर आते हैं, मजा आ जाता है। बृजेंद्र काला और सीमा पाहवा के किरदार भी देखने लायक हैं।
फिल्म एक गंभीर विषय को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करनी की अच्छी कोशिश है। हर फिल्म में शादी का माहौल दिखाना जरूरी नहीं लगता है। यह फंडा अब पुराना हो गया है। इन बातों को नजरअंदाज किया जा सकता है क्योंकि ‘शुभ मंगल सावधान’ का संगीत अच्छा है। डायलॉग ऐसे हैं कि हंसते-हंसते पेट में बल पड़ जाएं। फिल्म का बजट लगभग 10-15 करोड़ रु. के बीच बताया जाता है। हां, एक बात याद रखिएगा यह सेक्स कॉमेडी कतई नहीं है बल्कि फुली एंटरटेनर रोमांटिक कॉमेडी है।