मुंबई, (हि.स.)। शुक्रवार देर शाम केंद्र सरकार द्वारा सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पद से हटाए गए पहलाज निहलानी ने इस फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है कि वे सम्मान के साथ सरकार के इस फैसले को स्वीकार करते हैं। पहलाज ने माना कि उनको सरकार की ओर से इस फैसले की कोई सूचना नहीं मिली। पहलाज को खुद को हटाए जाने की सूचना मीडिया से मिली।
पहलाज ने माना कि उनको इस बात का अफसोस है कि सरकार ने ये फैसला करने से पहले उनसे कोई बात करना जरूरी नहीं समझा। पहलाज निहलानी ने कहा कि इस सरकार ने उनको जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाने की कोशिश की। पहलाज निहलानी ने माना कि फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोग उनके काम करने के तरीके से नाखुश थे। पहलाज ने कहा कि मैं ये बात जानता था और समझता था, लेकिन मैं इस कुर्सी पर किसी को खुश या नाराज करने के लिए नहीं बैठा था।
उन्होंने कहा, मैंने सेंसर बोर्ड की नियमावली को लागू करने का फैसला किया। पहलाज ने कहा कि उनको बतौर चेयरमैन अपने किसी फैसले पर कोई पछतावा नहीं है, न ही वे कुछ गलत महसूस करते हैं। पहलाज ने कहा कि अगर उनके फैसले से कुछ लोग नाराज थे, तो बड़ी संख्या में वे लोग भी हैं, जो मेरे काम से खुश थे।
पहलाज ने दबे स्वर में ये भी कहा कि सेंसर बोर्ड के अंदर फैले भ्रष्टाचार को रोकने की उनकी कोशिश के चलते भी ये फैसला हुआ, क्योंकि पहले यहां निर्माता पैसों के बूते पर अपनी फिल्मों को क्लीयर कराते थे। मेरे आने के बाद वो सिस्टम बंद हो गया। मैं जानता था कि ये लाबी चुप नहीं बैठेगी।
पहलाज ने माना कि सेंसर बोर्ड के अंदर भी कुछ सदस्य लगातार उनका विरोध कर रहे थे। पहलाज का कहना है कि मैंने उनके विरोध को अनदेखा किया और अपने काम में लगा रहा। मैं जानता था कि उनका विरोध किसी मुद्दे से नही, मेरे खिलाफ था। ये लोकतंत्र है, जिसमें ये सब होता है। पहलाज ने कहा कि पद से हटने के बाद अब वे राहत महसूस कर रहे हैं और उनके मन में किसी के लिए कोई नाराजगी, कोई गुस्सा या कोई मलाल नहीं है। अपने अगले एक्शन के लिए पहलाज ने कहा कि फिलहाल कुछ नहीं सोचा है। थोड़े दिनों के आराम करने के बाद आगे के लिए सोचने का काम शुरू करेंगे। पहलाज ने नवनियुक्त चेयरमैन प्रसून जोशी को बधाई देते हुए कहा कि मैं उम्मीद करुंगा कि वे सेंसर बोर्ड को और बेहतर करेंगे।