मुंबई, (हिस)। सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने विवादों में फंसी कुशान नंदी की फिल्म बाबू मोशाय बंदूकबाद के निर्माताओं को चेतावनी दी है कि सार्वजनिक रुप से सेंसर बोर्ड की छवि धूमिल करने के आरोप में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
पहलाज निहलानी ने कहा कि ये दुर्भाग्यजनक है कि अपनी फिल्म के प्रचार के लिए सेंसर बोर्ड की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा और ऐसे लोगों के खिलाफ सेंसर बोर्ड की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहलाज निहलानी ने साफ तौर पर कहा कि इस फिल्म से जुड़े लोग फिल्म को मीडिया में बनाए रखने के लिए सेंसर बोर्ड के खिलाफ अर्गनल प्रचार कर रहे हैं।
पहलाज का कहना है कि नियमानुसार, किसी भी निर्माता को सेंसर के किसी फैसले के खिलाफ एपीलेट ट्रिब्यूनल तक जाने का अधिकार है, तो इस प्रक्रिया के बीच में ही सार्वजनिक रुप से सेंसर के फैसले की आलोचना को कैसे न्यायसंगत कहा जा सकता है। पहलाज ने सख्त लहजे में कहा कि अगर इस फिल्म के निर्माताओं का यही रवैया रहा, तो उनको कोर्ट में इसका जवाब देना होगा।
दूसरी एक खबर के अनुसार, सेंसर बोर्ड के सदस्य अर्जुन गुप्ता के हवाले से सेंसर बोर्ड के उन सदस्यों के नाम भी जाहिर हो गए, जिन पर फिल्म बंदूकबाज की निर्माता किरण श्राफ के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करने के आरोप हैं। अर्जुन गुप्ता के अनुसार, वे इस मामले के चश्मदीद गवाह हैं, जब सेंसर बोर्ड की अधिकारी शीतल तांडेल ने फिल्म के कटेंट को लेकर किरण श्राफ से अभद्र भाषा में बात की, तो दूसरे सदस्य रविशंकर प्रसाद ने किरण श्राफ की ड्रेस को लेकर अशिष्ट टिप्पणी की। अर्जुन गुप्ता ने भी सूचना प्रसारण मंत्रालय को चिट्टी लिखकर सेंसर बोर्ड के इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।