मुंबई, (हिस)। फिल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज की निर्माता किरण श्राफ के साथ कथित तौर पर सेंसर बोर्ड के दो सदस्यों द्वारा अपमानजनक टिप्पणियां करने के विवाद को लेकर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। पहलाज निहलानी ने इस पूरे विवाद का सिरे से खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ।
किरण श्राफ के हवाले से कहा गया था कि जब वे सेंसर बोर्ड की कमेटी के लिए शो रखा गया था, तो बोर्ड की महिला सदस्य ने उन पर कमेंट किया था कि महिला होने के नाते वे ऐसी फिल्म कैसे बना सकती हैं और उनके साथ खड़े बोर्ड के पुरुष सदस्य ने उनकी ड्रेस पर कमेंट किया था कि क्या ये महिला जैसी लगती हैं?
पहलाज निहलानी ने इस विवाद के होने पर ही सवाल कर दिए और कहा कि हमारे सदस्य प्रोफेशनल तरीके से अपना काम करते हैं और कोई ऐसी टिप्पणी नहीं करता, जैसा कहा जा रहा है। पहलाज निहलानी ने कहा कि जब फिल्म के निर्देशक कुशान नंदी उनसे मिलने आए थे, तब उन्होंने इस घटना का कोई जिक्र नहीं किया। कुशान नंदी ने पहलाज निहलानी पर धमकियां देने और उनका अपमान करने का आरोप लगाया था।
पहलाज निहलानी ने इन बातों को भी नकार दिया। पहलाज का कहना था कि वे (कुशान नंदी) मिलने जरूर आए थे, लेकिन मैं किसी को धमकियां देने में विश्वास नहीं रखता, न ये मेरे स्वभाव का हिस्सा है। पहलाज ने उलटे कुशान नंदी पर आरोप लगाया कि मीटिंग के दौरान वे मुझे अपनी राजनीतिक पंहुच का वास्ता दे रहे थे, जिनसे मैं कभी प्रभावित नहीं होता। कल निर्देशकों की संस्था द्वारा इस विवाद पर की गई प्रेस कांफ्रेंस के बारे में पहलाज ने कहा कि ये उनका हक है, जिससे रोका नहीं जा सकता।
पहलाज ने कहा कि इस फिल्म को लेकर कहा कि सेंसर बोर्ड के कुछ सदस्य ही इन बातों को हवा दे रहे हैं और ये सदस्य शुरू से उनके काम में बाधा डालने का काम कर रहे हैं। पहलाज ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन कल प्रेस कांफ्रेंस में अशोक पंडित ने पहलाज को तानाशाह करार देते हुए उनकी कड़ी आलोचना की थी। अशोक पंडित सेंसर बोर्ड के सदस्य हैं और पहलाज के कड़े विरोधी माने जाते हैं।