मुंबई, (हि.स.)। संजय दत्त को तय समय से पहले जेल से रिहा करने के अपने फैसले को लेकर गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुंबई हाईकोर्ट को बताया गया कि अगर कोर्ट सरकार के फैसले के विपरीत कोई निर्णय करता है, तो राज्य सरकार संजय दत्त को फिर से जेल भेज देगी।
हाईकोर्ट ने सरकार से अदालत में एक नया हलफनामा पेश करने को कहा है, जिसमें संजय दत्त के अच्छे आचरण को लेकर व्याख्या मांगी गई है। इस साल फरवरी में संजय दत्त को तय समय सीमा से आठ महीने पहले छोड़ने को लेकर महाराष्ट्र सरकार की ओर से अदालत में जमा कराए गए हलफनामे में कहा गया था कि संजय दत्त को रिहा करने के फैसले में सभी नियमों का पालन किया गया था और उनके अच्छे आचरण को देखते हुए नियमानुसार उनको छूट दी गई थी।
मुंबई हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा अच्छे आचरण की परिभाषा पर आपत्ति जताते हुए कठोर टिप्पणी की थी, जब आधे समय संजय दत्त पेरोल पर जेल से आते-जाते रहे, तो जेल अधिकारियों ने किस आधार पर उनके आचरण का मूल्यांकन किया।
गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि अगर अदालत सरकार के फैसले को गलत ठहराती है, तो संजय दत्त को फिर से जेल भेजा जाएगा। हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा नया हलफनामा पेश होने के बाद ही इस मामले में अंतिम फैसला आएगा। कहा जा रहा है कि ये फैसला अगले महीने आ सकता है। मुंबई हाईकोर्ट उस जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है, जिसमें अच्छे आचरण का आधार बनाकर संजय दत्त को तय समय से आठ महीने पहले पुणे की यरवड़ा जेल से रिहा करने के फैसले को चुनौती दी गई थी और इसे नियमों का उल्लंघन माना था।
हाईकोर्ट भी सुनवाई के दौरान अच्छे आचरण की परिभाषा को लेकर राज्य सरकार पर तीखी टिप्पणी कर चुका है। जेल से रिहा होकर संजय दत्त की वापसी वाली फिल्म 'भूमि' बनकर तैयार हो चुकी है और 22 सितम्बर को इसे रिलीज होना है। आज के महाराष्ट्र सरकार के अदालत में दिए गए बयान ने संजय दत्त के भविष्य को एक बार फिर संकट में डाल दिया है।