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अमर्त्य सेन की पुस्तक पर बनी फिल्म से सेंसर बोर्ड को आपत्ति
By Deshwani | Publish Date: 12/7/2017 5:33:48 PM
अमर्त्य सेन की पुस्तक पर बनी फिल्म से सेंसर बोर्ड को आपत्ति

कोलकाता, (हि.स.)। अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की चर्चित किताब पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द आर्गयूमेंटेटिव इंडियन’ में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने आपत्ति जताई है और इसे हटाने की मांग की है। फिल्म सुमन घोष के निर्देशन में बनाई गई है। घोष मियामी यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के शिक्षक हैं। 
फिल्म में गुजरात, गाय, हिंदुत्व और हिंदू इंडिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिसपर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जाहिर की है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक घोष ने बोर्ड के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। ज्ञात हो कि यह फिल्म इसी हफ्ते रिलीज होने वाली थी, पर अब इस विवाद के चलते फिल्म की रिलीज टल सकती है। बोर्ड ने सुमन से कहा था कि अगर वो गुजरात, गाय, हिंदुत्व और हिंदू इंडिया जैसे शब्दों को फिल्म से निकाल दें या फिर उसे 'बीप’ कर दें तो उन्हें यू/ए श्रेणी का प्रमाण-पत्र मिल जाएगा।
हालांकि घोष ने बोर्ड की कोई भी बात मानने से इनकार कर दिया है। घोष का कहना है कि सेंसर बोर्ड के इस रवैये से इस डाक्यूमेंट्री की प्रासंगिता और बढ़ जाती है, जिसमें अमर्त्य सेन देश में बढ़ती असहिष्णुता की बात कहते हैं। किसी लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना पर इस तरह की जांच-पड़ताल चौंकाने वाली है। हमारे समय के कुछ बेहद अच्छे चिंतकों में से एक के विचारों को 'बीप’ या 'म्यूट’ करने से मैं सहमत नहीं हूं। गौरतलब है कि द आर्गयूमेंटेटिव इंडियन सेन की चर्चित किताब है, जिसपर घोष ने यह डाक्यूमेंट्री बनाई है, जिसका नाम भी उन्होंने इसी किताब के नाम पर रखा है। 
इस फिल्म को दो भागों में शूट किया गया है एक हिस्सा 2002 का है और बाकी हिस्सा 2017 का है। फिल्म में गुजरात शब्द का इस्तेमाल सेन द्वारा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दिए गए एक भाषण में किया गया था, जिसे घोष ने अपनी फिल्म में भी दर्शाया है। गाय शब्द का इस्तेमाल सेन ने एक बहस के दौरान किया था। हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल सेन ने करते हुए कहा था कि वो भारत को हिंदुत्व के चश्मे से नहीं देखते, बल्कि उनकी भारत की कल्पना अलग है। हालांकि सेंसर बोर्ड की तरफ से इस विवाद पर कोई बयान नहीं आया है।
 
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