मुंबई, (हि.स.)। सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी ने मधुर भंडारकर की आने वाली फिल्म 'इंदु सरकार' को सेंसर के उस नियम से अलग रखा है, जिसमें असली घटनाओं पर बनने वाली फिल्मों को संबंधित व्यक्तियों से एनओसी (नो आब्जेक्शन सार्टिफिकेट) लाना अनिवार्य बनाया गया था।
1975 में लगी इमरजेंसी पर बनी मधुर भंडारकर की इस फिल्म को लेकर पहलाज निहलानी का कहना है कि ये फिल्म किसी व्यक्ति विशेष का उल्लेख नहीं करती, न ही किसी का नाम लेती है, सिर्फ गेटअप से किसी के बारे में आभास होता है, तो ऐसे में किसी से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है। पहलाज ने साफ कहा कि मधुर को अपनी फिल्म के लिए कांग्रेस पार्टी या पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी से किसी तरह की एनओसी लाने की जरूरत नहीं है।
पहलाज ने मधुर को ये फिल्म बनाने के लिए बधाई दी और कहा कि ये फिल्म देश के उस शर्मनाक अध्याय को उजागर करती है, जब देश के प्रमुख नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया था। पहलाज ने आपातकाल को देश की राजनीति का काला धब्बा कहा। ये फिल्म 28 जुलाई को रिलीज होने जा रही है, जिसमें नील नितिन मुकेश के किरदार को संजय गांधी का किरदार माना जा रहा है।
हाल ही में पहलाज ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह पर उनके तत्कालीन मीडिया सलाहकार संजय बारू की लिखी नॉवेल पर बन रही फिल्म को लेकर फरमान सुनाया था कि इसके लिए निर्माता को मनमोहन सिंह से एनओसी लेना होगा। इस फिल्म में अनुपम खेर को मनमोहन सिंह की भूमिका के लिए साइन किया गया है। पहलाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी एक फिल्म को भी प्रधानमंत्री कार्यालय से एनओसी लाने का निर्देश दिया था।