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महिलाओं की माहवारी समस्या पर बनी गंभीर फिल्म है ''फुल्लू''
By Deshwani | Publish Date: 16/6/2017 3:46:46 PM मुंबई, (हि.स.) । महिलाओं की माहवारी जैसे गंभीर विषय को लेकर बनी निर्देशक अभिषेक सक्सेना की फिल्म 'फुल्लू' एक अच्छा प्रयास है, लेकिन सीमित बजट और अनुभवहीन निर्देशक की वजह से अपनी मंजिल पर पहुंचने से पहले ही भटक जाती है और लड़खड़ाती हुई खत्म होती है।
कहानी काल्पनिक है, जो यूपी के किसी गांव की है। कहानी का मुख्य किरदार फुल्लू (शारिब हाश्मी) है, जो बेरोजगार है और गांव की महिलाओं में प्रिय है, क्योंकि वो शहर से उनकी जरूरतों का सामान लाकर देता है। उसके घर में मां है, जो कपड़े सीने का काम करती है और बिगनी (ज्योति सेठी) से उसकी शादी हो जाती है। फुल्लू को जब इस बात का एहसास होता है कि गांव की महिलाएं माहवारी के दौरान पुराने कपड़े का इस्तेमाल इसलिए करती हैं, क्योंकि नैपकीन खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते, तो फुल्लू एक ऐसा सस्ता नैपकीन बनाने का फैसला करता है, जो माहवारी के दौरान कपड़े के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों से महिलाओं को बचाने का काम करेगा। फुल्लू को शुरुआती दौर में अपनी इस कोशिश में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन पत्नी बिगनी से उसे सहयोग मिलता है और देखते ही देखते उसका मिशन आगे बढ़ता चला जाता है।