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संपादकीय
मध्य प्रदेश विशेष)पर्यटन क्षेत्र में नए मुकाम पर मध्‍यप्रदेश : ऋषभ जैन
By Deshwani | Publish Date: 14/8/2017 3:39:29 PM
मध्य प्रदेश विशेष)पर्यटन क्षेत्र में नए मुकाम पर मध्‍यप्रदेश : ऋषभ जैन

पर्यटन शांति और सुकून का विषय है। मनुष्य जीवन में विश्राम के क्षणों में पर्यटन संभाव्य है। साँची, खजुराहो, भीमबैठका, पचमढ़ी, माण्डू समेत प्रदेश के अनेक पर्यटन-स्थल वाकई सुकून के पल गुजारने के लिये उपयुक्त स्थान है। मध्यप्रदेश ने पिछले 10-12 वर्ष में पर्यटन में न केवल राष्‍ट्रीय बल्कि वैश्विक फलक पर असरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। प्रदेश ने ऐतिहासिक, पुरातात्विक पर्यटन के साथ जल-पर्यटन के क्षेत्र में एक नयी शुरुआत हुई है। पहले हनुवंतिया फिर सैलानी टापू और अब गांधी सागर बांध पर जल-पर्यटन ने नए द्वार खोले हैं।
प्रदेश के पर्यटक स्थलों और विश्व धरोहरों की देश-विदेश में की गई प्रभावी ब्रांडिग और पर्यटन सुविधाओं के विस्तार, पर्यटन निवेशकों के लिये हितैषी नीतियों को लागू करने के बाद प्रथक से पर्यटन केबिनेट के बाद हाल ही में मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड का गठन होकर यह क्रियाशील भी हो गया है। पर्यटन क्षेत्र में इस तरह की कोशिशों का नतीजा है कि प्रदेश पर्यटन क्षेत्र में नित नई ऊँचाइयों को छू रहा है।
पर्यटन क्षेत्र को और अधिक प्रोत्‍साहन तथा बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल मार्गदर्शन में निरंतर नवाचार एवं वॉटर टूरिज्‍म जैसे नए क्षेत्रों में अभिनव पहल की जा रही है। मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड 10 अप्रैल से अस्तित्‍व में आया है। टूरिज्‍म बोर्ड के गठन से पर्यटन क्षेत्र को अधिक विस्‍तार मिलेगा। निवेशकों के अनुकूल और निवेशक मित्र पर्यटन नीति लागू की गई है। इस उदार नीति का लाभ उठाकर पर्यटन निवेश में निवेश के लिये निवेशक आगे आ रहे हैं। प्रदेश में पर्यटन की अनंत संभावनाएँ हैं। जल-पर्यटन क्षेत्र में हाउस बोट, क्रूज और अन्‍य वॉटर स्‍पोर्टस गतिविधियों की शुरूआत की पहल की गई है। भोपाल और छिन्दवाड़ा में साहसिक पर्यटन गतिविधियाँ शुरू की गई है।
नई पर्यटन नीति में 16 प्रकार के टूरिज्‍म प्रोजेक्‍ट के लिये भूमि आवंटित की जा रही है। लगभग 477 हेक्‍टेयर का लैण्‍ड बैंक बनाया गया है। तकरीबन 19 यूनिट को 24 करोड़ का पूँजीगत अनुदान मुहैया करवाया गया है। वॉटर टूरिज्‍म को बढ़ावा देने के मकसद से 15 वॉटर बॉडीज अधिसूचित की गई है। लैण्‍ड अलोकेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया गया है।
पर्यटन विकास को नए आयाम देने के लिये अनेकानेक ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिये पर्यटन नीति – 2016 लागू की गई है। इसमें पर्यटन परियोजनाओं की संख्‍या में वृद्धि कर पूंजीगत अनुदान का प्रावधान पूरे प्रदेश के लिये लागू किया गया है। वर्ष 2016-17 में 9 निवेशकों को भूमि आवंटित की जा चुकी है। इनमें लगभग 250 करोड़ के निवेश से पर्यटन परियोजनाएँ स्‍थापित होंगी।
केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रदेश में वाइल्‍ड लाइफ सर्किट के लिये 92 करोड़ से अधिक हेरिटेज सर्किट के लिये करीब 100 करोड़ और बुद्धिष्‍ट सर्किट के लिये करीब 75 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। नई पहल के रूप में राष्‍ट्रीय और राज्‍य मार्गों पर 300 वे साइड एमेनिटीज स्‍थापित किया जाना प्रस्‍तावित है। यह ब्राउन फील्‍ड, ग्रीन फील्‍ड और फ्रेंचाइजी मॉडल पर बनाये जा रहे हैं। इस योजना को अच्‍छा रिस्‍पॉन्‍स मिल रहा है।
हनुवंतिया में द्वितीय जल-महोत्‍सव का एक माह का सफल आयोजन हुआ। इसमें लगभग 5 लाख पर्यटक आए। पहली बार प्रदेश में दो हाउस बोट का संचालन भी शुरू हुआ। हनुवंतिया में इस साल का जल महोत्‍सव 80 दिन का होगा। महोत्सव 15 अक्‍टूबर से प्रारंभ होकर 2 जनवरी, 2018 तक होगा। इसके लिये अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। हनुवंतिया की तर्ज पर ही ओंकारेश्‍वर के नजदीक सेलानी टापू विकसित किया गया है। पिछली 24 मई, 2017 को इसका लोकार्पण हुआ है। जल-पर्यटन के शौकीन पर्यटकों के लिये यह एक अनूठी जगह है। सेलानी द्वीप पर 23 कक्षों का रिसॉर्ट, रेस्‍टॉरेंट और बोट क्‍लब आदि सुविधाएँ विकसित की गई हैं। गांधी सागर डेम पर भी विभिन्‍न पर्यटक सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं।
मध्‍यप्रदेश में होटल एवं हॉस्पिटेलिटी संबंधी पाठ्यक्रम के लिये 5 इंस्‍टीट्यूट – भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, रीवा एवं खजुराहो में स्थित हैं। राज्‍य में होटल मैनेजमेंट, फूड प्रोसेसिंग, फूड एंड बेवरेज सर्विसेस, बेकरी, कॉन्‍फेक्‍शनरी एवं हाउसकीपिंग के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित कर तैयार किया जा रहा है। पिछले पाँच वर्ष में करीब 24 हजार युवाओं को जल-पर्यटन, होटल प्रबंधन, रेलवे कुली, आटो चालक, पर्यटन पुलिस और होम-स्टे योजना में प्रशिक्षित करवाया गया है। प्रशिक्षित युवाओं में से 68 फीसदी को पर्यटन क्षेत्र में रोजगार और शेष को प्रायवेट सेक्टर में रोजगार मिला है।
भोपाल में एमपी ट्रेवल मार्ट का चौथा आयोजन 27 अक्टूबर से 29 अक्‍टूबर तक आयोजित होना है। पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्‍य से भोपाल सहित विभिन्‍न नगरों में इन्‍वेस्‍टर्स मीट एवं रोड-शो होंगे।
स्‍कूली छात्र-छात्राओं को पर्यटन के प्रति जागरूक बनाने एवं उनमें जिज्ञासा उत्‍पन्‍न करने के लिये द्वितीय टूरिज्‍म क्विज 19 अगस्‍त को एक साथ सभी जिलों में होगी।
पर्यटन के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय उपलब्धियों के लिये प्रदेश को विभिन्‍न राष्‍ट्रीय अवार्ड प्राप्‍त हुए हैं। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप अब मध्‍यप्रदेश स्‍वयं भी अपनी ओर से एमपी टूरिज्‍म अवार्ड प्रदान कर रहा है। इसकी शुरुआत वर्ष 2016 से की गई है। इस बार भी पर्यटन में उत्कृष्टता के लिए 22 श्रेणी में दिये अवार्ड होंगे। खजुराहो के नजदीक स्थित स्नेह वॉटर फॉल को देश के पसंदीदा वॉटर फॉल के श्रेष्ठ हॉलीडे अवार्ड 2017 से नवाजा गया। नई दिल्ली में एक समारोह में यह अवार्ड देश के जाने-माने ट्रेवल एवं इन्फार्मेशन पोर्टल हॉलीडे आई.क्यू. द्वारा दिया गया। हाल ही में मुम्बई में लोनली प्लानेट मेगजीन द्वारा सर्वश्रेष्ठ वाइल्ड लाइफ डेस्टिनेशन का अवार्ड भी मिला है। भारतीय पर्यटन उद्योग में यह अवार्ड सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है।
मध्‍यप्रदेश पर्यटन ने इंडियन टूरिज्‍म डेवलपमेंट कार्पोरेशन के होटल लेक व्‍यू अशोका को अपने स्‍वामित्‍व में लिया है। इस संबंध में हाल ही में नई दिल्‍ली में शेयर ट्रांसर एग्रीमेंट पर हस्‍ताक्षर किये गये। इस होटल का नाम होटल 'लेक व्‍यू' होगा। यह थ्री स्‍टार श्रेणी का होटल है।
कुल मिलाकर जिस पर्यटन विभाग को अब से पन्द्रह साल पहले बोझ समझकर बंद करने का विचार किया गया था, उसी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रगतिशील नेतृत्व और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा के अथक प्रयासों से मध्यप्रदेश को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। पर्यटन विकास निगम की कार्य-प्रणाली में लगातार सुधार होते हुए आज निगम लाभ का उपक्रम बन गया है। आज प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में श्रेष्ठ राज्य के रूप में तो उभरा ही है इसे विश्व फलक पर लाने की दिशा में हो रहे प्रयासों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि पर्यटकों के आकर्षण के सभी रंग संजाये हमारा प्रदेश अब अपना प्रतिसाद पा रहा है।
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