झारखंड
भविष्य की सोच में अच्छा वर्तमान नहीं खोने की अपील
By Deshwani | Publish Date: 29/6/2017 6:06:49 PMदुमका, (हिस)। आज फिर एक हुल की आवश्यकता है। हुल का उलगुलान आज के परिपेक्ष्य में अशिक्षा, शिक्षा की चरमराई व्यवस्था, गरीबी एवं बेरोजगारी के खिलाफ करने की जरूरत है। उक्त बातें सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में आयोजित हुल दिवस से पूर्व राष्ट्रीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि विनोवा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के कुलपति प्रो रमेश शरण ने कही। उन्होंने भविष्य की सोच में अच्छा वर्तमान नही खोने की अपील की।
उन्होंने विकास में सहभागिता में सहयोग, पांचवीं अनुसूची में सम्मिलित जनजातीय आदि को लेकर हुल की आगाज करने का आह्वान किया। साथ ही हुल की धरती संताल परगना के धरती पर हुल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करना सौभाग्य एवं खुशी का पल बताया।
साथ ही हुल की आवश्यकता वैचारिक क्रांति के रूप में आगाज करने की अपील की। उन्होंने हुल को इतिहास के पन्नों में उचित स्थान नही देने की बात करते हुए कहा कि वर्तमान में ज्वलनशील मुद्दों के खिलाफ हुल की आगाज कर नया इतिहास रचने का आह्वान किया।
उन्होंने देखने के नजरिया में बदलाव पर जोर दिया। वस्तुस्थिति को बदल वर्तमान में जीने की अपील की। उन्होंने कहा कि वर्तमान भूत एवं भविष्य की संयोग को वर्तमान बतलाया। वर्तमान और वर्तमान में दुनिया बदलने की प्रयास करने और भविष्य की सोच में अच्छा वर्तमान नही खोने की अपील की। उन्होंने कहा कि भविष्य की चिंता में खुद मिटना सही नही है।सिदो कान्हू को याद करते हुए कांटो में चलने वाले पैर ही पूजे जाने की बात कही।